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बिहार चुनाव में भाजपा के सामने कठिन विकल्प

In Politics
October 03, 2025
rajneetiguru.com - बिहार चुनाव 2025: भाजपा की रणनीति और चुनौतियाँ। Image Credit – The Indian Express

बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी रणनीति को नए सिरे से तैयार कर रही है। पार्टी के पास इस समय 80 विधायक हैं और उसका लक्ष्य इस बार 100 से अधिक सीटें हासिल करने का है। हालांकि, इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पाना आसान नहीं दिख रहा है। बिहार की जटिल राजनीतिक ज़मीन, मतदाता असंतोष और एंटी-इंकम्बेंसी की चुनौती ने भाजपा के लिए विकल्प सीमित कर दिए हैं।

भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने गढ़ों को बचाए रखने के साथ-साथ नए क्षेत्रों में पैठ बनाने की है। लेकिन, मौजूदा विधायकों को बदलने का जोखिम भी है, क्योंकि स्थानीय नेताओं का मज़बूत जनाधार है। वहीं, उन्हीं चेहरों को बरकरार रखना मतदाताओं की असंतुष्टि को और बढ़ा सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार में भाजपा की स्थिति उस दुविधा को दर्शाती है, जिसका सामना अक्सर मज़बूत दलों को करना पड़ता है। यहां चुनावी गणित, गठबंधन और जातिगत समीकरण विचारधारा से कहीं अधिक असर डालते हैं। छोटी-सी भूल भी पार्टी को सीटें गंवाने पर मजबूर कर सकती है।

पार्टी के भीतर यह चर्चा तेज़ है कि अनुभवी विधायकों और नए चेहरों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “बिहार ऐसा राज्य नहीं है जहां आप आसानी से जोखिम उठा सकें। हर सीट पर जाति समीकरण, स्थानीय नेतृत्व और विकास वादे अहम भूमिका निभाते हैं। हमारा प्रयास है कि जहां ज़रूरत है, वहां बदलाव और निरंतरता के बीच संतुलन साधा जाए।”

एंटी-इंकम्बेंसी भी भाजपा के लिए चिंता का विषय है। जिन क्षेत्रों में मतदाता असंतुष्ट हैं, वहां नए उम्मीदवारों को उतारने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, इससे उन कार्यकर्ताओं की नाराज़गी का खतरा है, जिन्होंने लंबे समय से मौजूदा विधायकों का साथ दिया है।

विपक्षी दल भाजपा की रणनीति पर कड़ी नज़र रखे हुए हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (यूनाइटेड) [जद(यू)] और कांग्रेस भाजपा की किसी भी चूक को भुनाने की कोशिश करेंगे। राजद बेरोज़गारी और ग्रामीण संकट जैसे मुद्दों को उठा रहा है, जबकि जद(यू) अपनी योजनाओं और शासन मॉडल को सामने रख रहा है।

इस पृष्ठभूमि में भाजपा की उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और केंद्र की योजनाओं को ज़मीनी समर्थन में बदलने की क्षमता पर टिकी है। पार्टी अपने अभियान में विकास, बुनियादी ढांचे और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को प्रमुखता देने की तैयारी में है।

भाजपा प्रवक्ता एन.वी. सुबाष ने हाल ही में कहा, “बिहार की जनता ने भाजपा सरकार में विकास और सुशासन का अंतर देखा है। हमें विश्वास है कि मतदाता जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रदर्शन को महत्व देंगे।”

हालांकि, विश्लेषक मानते हैं कि बिहार की राजनीति अब भी अनिश्चित बनी हुई है। यहां अक्सर चुनाव नतीजे बेहद मामूली अंतर से तय होते हैं। भाजपा के लिए असली चुनौती यही होगी कि वह पुराने और नए चेहरों के बीच ऐसा संतुलन बनाए, जिससे मतदाताओं में ठहराव की छवि न बने और नए नेताओं पर भरोसा भी कायम हो सके।

चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और सबकी नज़र भाजपा की उम्मीदवार सूची पर है। पार्टी सुरक्षित रास्ता अपनाती है या साहसिक दांव खेलती है, यही तय करेगा कि इस बार बिहार की राजनीति में उसका प्रदर्शन कैसा रहेगा।

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  • नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
    दिल से एक कहानीकार, मैं हर क्लिक, हर स्क्रॉल और हर नए विचार में रचनात्मकता खोजता हूँ। चाहे दिल से लिखे गए शब्दों से जुड़ाव बनाना हो, कॉफी के साथ नए विचारों पर काम करना हो, या बस आसपास की दुनिया को महसूस करना — मैं हमेशा उन कहानियों की तलाश में रहता हूँ जो असर छोड़ जाएँ।

    मुझे शब्दों, कला और विचारों के मेल से नई दुनिया बनाना पसंद है। जब मैं लिख नहीं रहा होता या कुछ नया सोच नहीं रहा होता, तब मुझे नई कैफ़े जगहों की खोज करना, अनायास पलों को कैमरे में कैद करना या अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए नोट्स लिखना अच्छा लगता है।
    हमेशा सीखते रहना और आगे बढ़ना — यही मेरा जीवन और लेखन का मंत्र है।

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नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
दिल से एक कहानीकार, मैं हर क्लिक, हर स्क्रॉल और हर नए विचार में रचनात्मकता खोजता हूँ। चाहे दिल से लिखे गए शब्दों से जुड़ाव बनाना हो, कॉफी के साथ नए विचारों पर काम करना हो, या बस आसपास की दुनिया को महसूस करना — मैं हमेशा उन कहानियों की तलाश में रहता हूँ जो असर छोड़ जाएँ।

मुझे शब्दों, कला और विचारों के मेल से नई दुनिया बनाना पसंद है। जब मैं लिख नहीं रहा होता या कुछ नया सोच नहीं रहा होता, तब मुझे नई कैफ़े जगहों की खोज करना, अनायास पलों को कैमरे में कैद करना या अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए नोट्स लिखना अच्छा लगता है।
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