तेलंगाना में राजनीतिक तनाव उस समय बढ़ गया जब पुलिस ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) के वरिष्ठ नेताओं के. टी. रामाराव और टी. हरीश राव को घर में नजरबंद कर दिया। दोनों नेताओं को तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (TSRTC) की बस किराया बढ़ोतरी के खिलाफ प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से पहले हिरासत में लिया गया।
पार्टी ने इस कदम को “लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन” बताया है और आरोप लगाया है कि राज्य की कांग्रेस सरकार जनता की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रही है।
BRS ने सरकार के हालिया निर्णय की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि बस किराया वृद्धि से आम लोगों की आर्थिक परेशानियां और बढ़ जाएंगी। पार्टी ने कहा कि तेलंगाना में पहले से ही जीवनयापन की लागत बढ़ी हुई है, ऐसे में यह निर्णय परिवारों पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला है।
के. टी. रामाराव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी वादों को भुला दिया है। उन्होंने सस्ती और सुविधाजनक परिवहन व्यवस्था का वादा किया था, लेकिन अब उन्हीं के शासन में जनता से अतिरिक्त किराया वसूला जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से इस फैसले के खिलाफ लड़ती रहेगी।
टी. हरीश राव ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बस किराया बढ़ाने का यह निर्णय “गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ अन्याय” है। उन्होंने कहा, “सरकार को राजस्व बढ़ाने के लिए जनता की जेब पर बोझ डालने के बजाय वैकल्पिक उपाय तलाशने चाहिए।”
राज्य पुलिस ने BRS के नेताओं को सुबह से ही उनके घरों में नजरबंद कर दिया ताकि वे प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन में शामिल न हो सकें। अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना था।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो सकते हैं, जिससे सार्वजनिक यातायात और सुरक्षा प्रभावित हो सकती है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमने निवारक कदम के रूप में नेताओं को नजरबंद किया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।”
कांग्रेस सरकार ने बस किराया बढ़ोतरी को “राजस्व सुधार के लिए आवश्यक कदम” बताया है। राज्य सरकार के अनुसार, तेलंगाना आरटीसी को वित्तीय संकट से उबारने के लिए यह फैसला जरूरी था। परिवहन विभाग का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में ईंधन की कीमतें और परिचालन लागत में भारी वृद्धि हुई है, जिससे निगम को घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि सरकार ने इस फैसले से पहले जनता की राय नहीं ली। BRS ने ऐलान किया है कि वह आने वाले दिनों में राज्यभर में प्रदर्शन करेगी और जब तक सरकार बस किराया बढ़ोतरी का निर्णय वापस नहीं लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर सकता है। तेलंगाना में हाल के महीनों में बेरोजगारी, महंगाई और प्रशासनिक नीतियों को लेकर जनता में असंतोष देखा गया है, और यह मुद्दा कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
