पटना में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित, प्रदर्शन कर रहे छात्रों का प्रशासन पर दबाव बढ़ा
पटना, 22 अगस्त: बिहार की राजधानी पटना स्थित पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में इंटर्न कर रहे एमबीबीएस छात्रों ने गुरुवार को अपना कामकाज ठप कर दिया। इन छात्रों की मांग है कि उनका मासिक स्टाइपेंड 15,000 से बढ़ाकर 30,000 रुपये किया जाए। इसी को लेकर उन्होंने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया, जिससे आम मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
विरोध का कारण
छात्रों का कहना है कि “वर्तमान मानदेय मौजूदा आर्थिक हालात में बेहद कम है।” कई राज्यों में इससे दोगुना मानदेय मिल रहा है, लेकिन बिहार में इसकी अनदेखी हो रही है। छात्रों ने स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी मांगें रखी हैं।
अस्पताल में अफरा-तफरी
ओपीडी में सुबह से ही मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं, लेकिन डॉक्टरों की अनुपस्थिति के चलते उन्हें बिना इलाज लौटना पड़ा। परिजनों ने नाराजगी जताई और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पीएमसीएच प्रशासन ने छात्रों से बातचीत की कोशिश की है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि “मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और जल्द ही उचित निर्णय लिया जाएगा।”
निष्कर्ष
अगर छात्रों की मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो यह हड़ताल पूरे राज्य के मेडिकल कॉलेजों तक फैल सकती है। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाएं चरमराएंगी, बल्कि सरकार की छवि पर भी असर पड़ेगा।
