पाकिस्तान में चुनाव करवाने की तारीखों से संबंधित विवाद जारी है। पाकिस्तान के मंत्री आजम नजीर तरार ने बताया है कि 2024 के जनवरी या फरवरी से पहले ही चुनाव कराना संभव नहीं होगा। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नेतृत्व में काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट की बैठक में नए जनगणना नतीजों को स्वीकार कर लिया गया है। इसके पश्चात चुनाव आयोग ने निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने के बाद ही चुनाव हो सकने का एलान किया है। इस बार सीटों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा।
विपक्ष में चुनाव की मांग बढ़ रही है क्योंकि इमरान खान को पिछले साल से चुनाव नहीं करवाने का प्रतिबंध लगा हुआ है। इमरान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ, को जनसमर्थन मिल रहा है। सरकार को लगता है कि अगर जल्दी चुनाव हों, तो इमरान की पार्टी को फायदा हो सकता है।
चुनावों के मुद्दों पर तैयारियों की शुरूआत अभी से हो गई है। पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियां अपने चुनावी मंच को मजबूत करने के लिए अलग-अलग रूपों में काम कर रही हैं। इसके साथ ही पार्टियों ने अपने नेताओं की चुनाव रणनीति पर भी काम करना शुरू कर दिया है।
इस बीच पाकिस्तान के नजरिए से इमरान की पार्टी को बड़ी ही बहुमत मिलने की उम्मीद है। ऐसे में चुनावों का आयोजन जल्दी होने की उम्मीद है। पाकिस्तान की जनता भी अपने नए नेता को चुनने के लिए उत्साहित है।
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