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पटना में सियासी हलचल, आरजेडी और बीजेपी आमने-सामने

In Politics
October 18, 2025
rajneetiguru.com - पटना में सियासी हलचल, आरजेडी और बीजेपी आमने-सामने। Image Credit – The Indian Express

पटना के वीरचंद पटेल पथ पर कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित आरजेडी और बीजेपी के मुख्यालय इन दिनों बिहार की सियासत का केंद्र बने हुए हैं। एक ओर आरजेडी के कार्यकर्ता और टिकट चाहने वाले उम्मीदवार पार्टी दफ्तर के बाहर लाइन में खड़े हैं, तो दूसरी ओर बीजेपी मुख्यालय में बैठकों, अभियान रणनीतियों और कार्यकर्ता प्रशिक्षण की गतिविधियाँ चरम पर हैं।

आरजेडी-नीत गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चल रही देरी ने पार्टी के अंदर असंतोष बढ़ा दिया है। कई कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर सीटों का बंटवारा पहले हो जाता, तो अब तक जमीनी स्तर पर काम तेज़ी से शुरू हो सकता था। एक आरजेडी कार्यकर्ता ने कहा, “सीटों और क्षेत्रों का बंटवारा पहले ही हो जाना चाहिए था; इस खींचतान के लिए जगह नहीं छोड़नी चाहिए थी।”

दृश्य कुछ यूं है कि आरजेडी दफ्तर के बाहर उम्मीद और चिंता में डूबे समर्थक बैठे हैं, जबकि सड़क के उस पार बीजेपी दफ्तर में कार्यकर्ता डिजिटल ट्रेनिंग, बूथ प्रबंधन और प्रचार की रणनीतियों में जुटे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, दोनों दल बिहार के चुनावी नैरेटिव पर शुरुआती पकड़ बनाने की कोशिश में हैं। 2022 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आरजेडी के साथ आने के बाद सत्ता से बाहर हुई बीजेपी अब कानून-व्यवस्था, विकास और सुशासन जैसे मुद्दों पर जोर देकर खोया जनाधार वापस पाना चाहती है। वहीं आरजेडी, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में, लालू यादव की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है।

आरजेडी के सामने आंतरिक चुनौतियाँ भी हैं। कई वरिष्ठ नेता एक ही सीट पर दावा कर रहे हैं, जिससे जातीय संतुलन और गठबंधन की मांगों के बीच तालमेल बिठाना मुश्किल हो रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उम्मीदवारों की घोषणा में अभी और समय लग सकता है क्योंकि सहयोगी दल ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं।

पटना विश्वविद्यालय के राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर रमेश्वर प्रसाद ने कहा, “जब बीजेपी ने जमीनी अभियान शुरू कर दिया है, तब आरजेडी के लिए यह अनिर्णय की स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसी धारणा बनना कि पार्टी निर्णय नहीं ले पा रही, चुनावी नुकसान दे सकती है।”

उधर बीजेपी अपने बूथ स्तर तक संगठन मजबूत करने, सोशल मीडिया अभियानों को तेज करने और युवा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने में जुटी है। हाल ही में आयोजित “बिहार विकास संकल्प यात्रा” में भारी भीड़ देखने को मिली, जिससे पार्टी के जनसंपर्क अभियान की सफलता का संकेत मिला है।

इन दो दलों की गतिविधियाँ न केवल राजनीतिक प्रतिस्पर्धा बल्कि उनकी मानसिक स्थिति भी दर्शाती हैं — जहां आरजेडी गठबंधन सत्ता बचाने में लगी है, वहीं बीजेपी नए जोश के साथ सत्ता वापसी की तैयारी कर रही है।

पटना की सड़कों पर खड़े आरजेडी समर्थकों के लिए यह मुकाबला केवल राजनीति नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने वाला है। “हम काम शुरू करने को तैयार हैं, लेकिन निर्णय जल्द आने चाहिए,” एक उम्मीदवार ने पार्टी कार्यालय के बाहर कहा।

जैसे-जैसे चुनावी माहौल गर्म हो रहा है, पटना एक बार फिर बिहार की राजनीति का धड़कता दिल बन गया है — जहाँ हर मीटर की दूरी सत्ता की राह में मायने रखती है।

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  • नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
    दिल से एक कहानीकार, मैं हर क्लिक, हर स्क्रॉल और हर नए विचार में रचनात्मकता खोजता हूँ। चाहे दिल से लिखे गए शब्दों से जुड़ाव बनाना हो, कॉफी के साथ नए विचारों पर काम करना हो, या बस आसपास की दुनिया को महसूस करना — मैं हमेशा उन कहानियों की तलाश में रहता हूँ जो असर छोड़ जाएँ।

    मुझे शब्दों, कला और विचारों के मेल से नई दुनिया बनाना पसंद है। जब मैं लिख नहीं रहा होता या कुछ नया सोच नहीं रहा होता, तब मुझे नई कैफ़े जगहों की खोज करना, अनायास पलों को कैमरे में कैद करना या अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए नोट्स लिखना अच्छा लगता है।
    हमेशा सीखते रहना और आगे बढ़ना — यही मेरा जीवन और लेखन का मंत्र है।

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नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
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