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नीतीश कुमार ने दसवीं बार ली शपथ; नई एनडीए कैबिनेट गठित

In Politics
November 20, 2025
RajneetiGuru.com - नीतीश कुमार ने दसवीं बार ली शपथ; नई एनडीए कैबिनेट गठित - Image Credited by Hindustan Times

एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में, जिसने निरंतरता और गठबंधनों में एक महत्वपूर्ण बदलाव दोनों को रेखांकित किया, जनता दल-यूनाइटेड (जेडी-यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने गुरुवार को रिकॉर्ड दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह ने नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के औपचारिक गठन को चिह्नित किया, जिससे 18वीं बिहार विधानसभा का मार्ग प्रशस्त हुआ।

यह समारोह, वर्तमान विधानसभा कार्यकाल के 22 नवंबर को समाप्त होने से ठीक पहले हुआ, राजनीतिक एकजुटता का एक प्रदर्शन था, जिसे शीर्ष राष्ट्रीय नेतृत्व ने देखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समारोह में मौजूद थे, साथ ही हरियाणा के नायब सिंह सैनी, असम के हिमंत बिस्वा सरमा और नागालैंड के नेफ्यू रियो सहित कई एनडीए मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति ने बिहार में एनडीए की वापसी के राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित किया।

राजनीतिक तरलता का एक दशक और दसवीं शपथ

नीतीश कुमार का दसवीं बार मुख्यमंत्री पद संभालना बिहार की राजनीति में उनके अद्वितीय राजनीतिक कद और प्रभाव का प्रमाण है। 2000 में पहली बार पदभार संभालने के बाद से, कुमार ने कई गठबंधन परिवर्तनों को सफलतापूर्वक पार किया है, जिससे आलोचकों द्वारा उन्हें ‘पलटू राम’ (पलटी मारने वाला) का उपनाम मिला है, जबकि समर्थक उनकी राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हैं, जिसे अक्सर सुशासन कहा जाता है। उनका रिकॉर्ड, उनके तत्काल सहयोगियों की परवाह किए बिना, सत्ता की गतिशीलता के केंद्र में बने रहने की अद्वितीय क्षमता को प्रदर्शित करता है।

वर्तमान राजनीतिक संरचना में जेडी(यू) एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ गठबंधन कर रहा है, एक साझेदारी जिसने ऐतिहासिक रूप से राज्य पर लंबे समय तक शासन किया है। राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा इस गठन को महत्वपूर्ण हिंदी पट्टी में एनडीए के शक्ति आधार का एक रणनीतिक समेकन माना जाता है, खासकर आगामी आम चुनावों को देखते हुए। गठबंधन राज्य में विकास, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन की लगातार चुनौतियों से निपटने के लिए एक संयुक्त मोर्चा पेश करने के लिए उत्सुक है।

नई कैबिनेट की संरचना

मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद, भाजपा और जेडी(यू) दोनों के कुल 24 अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई, जिससे एक सुगठित और रणनीतिक रूप से संतुलित मंत्रिमंडल का गठन हुआ। कैबिनेट संरचना में भाजपा का वर्चस्व—जो जेडी(यू) के प्रतिनिधित्व से असमान रूप से बड़ा है—गठबंधन के भीतर बदलती शक्ति गतिशीलता को दर्शाता है।

सम्राट चौधरी (भाजपा) और विजय कुमार सिन्हा (भाजपा) को प्रमुखता से शपथ दिलाई गई, जो नई सरकारी संरचना के भीतर महत्वपूर्ण और प्रभावशाली पदों पर उनके उत्थान का संकेत है।

गुरुवार को शपथ लेने वाले कैबिनेट मंत्रियों की पूरी सूची इस प्रकार है:

पार्टी शपथ लेने वाले मंत्री
भाजपा सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, दिलीप जायसवाल, मंगल पांडे, राम कृपाल यादव, संतोष सुमन, नितिन नवीन, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, नारायण प्रसाद, रमा निषाद, लखेन्द्र कुमार रौशन, प्रमोद कुमार, संजय कुमार, संजय कुमार सिंह, दीपक प्रकाश (17 मंत्री)
जेडी(यू) विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मदन सहनी, सुनील कुमार, मोहम्मद ज़मा खान (8 मंत्री)

कैबिनेट में जेडी(यू) के बिजेंद्र प्रसाद यादव और श्रवण कुमार जैसे अनुभवी दिग्गज शामिल हैं, जिन्होंने पिछली सरकारों में महत्वपूर्ण विभाग संभाले हैं, जिससे प्रशासनिक अनुभव में निरंतरता सुनिश्चित हुई है। भाजपा से मंगल पांडे और नितिन नवीन जैसे व्यक्तियों को शामिल करना मंत्रिस्तरीय लाइनअप में नई ऊर्जा और सिद्ध संगठनात्मक कौशल लाता है।

स्थिरता और शासन पर विशेषज्ञ राय

सरकार का गठन, हालांकि तेजी से हुआ, गठबंधन के पुनर्गठन के हालिया इतिहास को देखते हुए इसकी दीर्घकालिक राजनीतिक स्थिरता के बारे में सवाल खड़े करता है। हालांकि, विशेषज्ञों का सुझाव है कि समारोह में उच्च-स्तरीय केंद्रीय नेतृत्व की उपस्थिति एनडीए के राष्ट्रीय आलाकमान की ओर से प्रतिबद्धता का एक स्पष्ट संदेश देती है।

पटना स्थित राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर और टिप्पणीकार, डॉ. आलोक रंजन, ने संरचनात्मक प्रतिबद्धता पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, “कैबिनेट में भाजपा का भारी प्रतिनिधित्व, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की उपस्थिति के साथ, एक सावधानीपूर्वक नियोजित और सुरक्षित व्यवस्था को इंगित करता है। यह सिर्फ एक अस्थायी समायोजन नहीं है; यह मंत्रिमंडल संरचना शेष कार्यकाल के लिए बिहार में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व से एक स्पष्ट जनादेश का सुझाव देती है। अब तत्काल ध्यान पूरी तरह से राजनीतिक दांव-पेंच से हटकर वादा किए गए बुनियादी ढांचे और विकासात्मक योजनाओं, खासकर रोजगार और गरीबी उन्मूलन के क्षेत्रों में वितरण पर केंद्रित होगा।”

नई सरकार का तत्काल एजेंडा अपेक्षित रूप से विकास परियोजनाओं में तेजी लाने, चल रही सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने और राज्य के फिर से चुनावी चक्र का सामना करने से पहले प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने पर केंद्रित होगा। 18वीं विधानसभा के अब गठित होने के साथ, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह नया, फिर भी परिचित, एनडीए गठबंधन भारत के सबसे राजनीतिक रूप से जीवंत और चुनौतीपूर्ण राज्यों में से एक का शासन करने की जटिलताओं को कैसे संभालता है।

Author

  • Anup Shukla

    अनूप शुक्ला पिछले तीन वर्षों से समाचार लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे मुख्य रूप से समसामयिक घटनाओं, स्थानीय मुद्दों और जनता से जुड़ी खबरों पर गहराई से लिखते हैं। उनकी लेखन शैली सरल, तथ्यपरक और पाठकों से जुड़ाव बनाने वाली है। अनूप का मानना है कि समाचार केवल सूचना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जागरूकता फैलाने का माध्यम है। यही वजह है कि वे हर विषय को निष्पक्ष दृष्टिकोण से समझते हैं और सटीक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जनसमस्याओं जैसे कई विषयों पर प्रकाश डाला है। उनके लेख न सिर्फ घटनाओं की जानकारी देते हैं, बल्कि उन पर विचार और समाधान की दिशा भी सुझाते हैं। राजनीतिगुरु में अनूप शुक्ला की भूमिका है — स्थानीय और क्षेत्रीय समाचारों का विश्लेषण, ताज़ा घटनाओं पर रचनात्मक रिपोर्टिंग, जनसरोकार से जुड़े विषयों पर लेखन, रुचियाँ: लेखन, यात्रा, फोटोग्राफी और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा।

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अनूप शुक्ला पिछले तीन वर्षों से समाचार लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे मुख्य रूप से समसामयिक घटनाओं, स्थानीय मुद्दों और जनता से जुड़ी खबरों पर गहराई से लिखते हैं। उनकी लेखन शैली सरल, तथ्यपरक और पाठकों से जुड़ाव बनाने वाली है। अनूप का मानना है कि समाचार केवल सूचना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जागरूकता फैलाने का माध्यम है। यही वजह है कि वे हर विषय को निष्पक्ष दृष्टिकोण से समझते हैं और सटीक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जनसमस्याओं जैसे कई विषयों पर प्रकाश डाला है। उनके लेख न सिर्फ घटनाओं की जानकारी देते हैं, बल्कि उन पर विचार और समाधान की दिशा भी सुझाते हैं। राजनीतिगुरु में अनूप शुक्ला की भूमिका है — स्थानीय और क्षेत्रीय समाचारों का विश्लेषण, ताज़ा घटनाओं पर रचनात्मक रिपोर्टिंग, जनसरोकार से जुड़े विषयों पर लेखन, रुचियाँ: लेखन, यात्रा, फोटोग्राफी और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा।

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