निमोनिया बीमारी दुनिया भर में तेजी से फैल रही है। चीन, डेनमार्क, फ्रांस और नीदरलैंड जैसे देशों में निमोनिया के मामलों में बढ़ोतरी होती जा रही है। इस बीमारी से ज्यादातर बच्चे पीड़ित हो रहे हैं। निमोनिया एक संक्रामक रोग है जिसमें वायरस या बैक्टीरिया के कारण फेफड़ों में सूजन होती है। वायरल निमोनिया फ्लू के कारण होता है, जबकि बैक्टीरियल निमोनिया बैक्टीरिया की वजह से होता है।
निमोनिया के आम लक्षणों में खांसी, बुखार, थकान, सीने और शरीर में दर्द शामिल होते हैं। बैक्टीरियल निमोनिया में गंभीर बुखार होता है, जबकि वायरल निमोनिया में ऐसा नहीं होता है। इसलिए इस बीमारी को ठीक करने के लिए बैक्टीरियल निमोनिया में एंटीबायोटिक्स काम में आते हैं, जबकि वायरल निमोनिया में इनका कोई प्रभाव नहीं होता है। वायरल निमोनिया की शुरुआत नाक बंद होने, खांसी और बुखार के साथ होती है। इसके खिलाफ इम्यून सिस्टम की मजबूती बोध कराने वाली वैक्सीनेशन का आविष्कार हो गया है जिससे इस संक्रामक रोग से बचा जा सकता है।
निमोनिया के प्रकारों में अंतर होता है। बैक्टीरियल निमोनिया गंभीर होता है और इसके इलाज के लिए जल्दी से डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
दुनिया भर में निमोनिया के मामलों में बढ़ोतरी के कारण लोगों को इसके बारे में अधिक जागरूक होना चाहिए। अभी हाल ही में ‘राजनीति गुरु’ ने इस विषय पर एक सम्मेलन आयोजित किया था जहां विशेषज्ञों ने इस बीमारी के लक्षणों, निदान और उपचार के बारे में जानकारी दी। यह सामयिक मुद्दा है और लोगों को इस बारे में सचेत रहने के लिए अवश्य जागरूक होना चाहिए। आगे की खबरों में हम इसके इलाज और बचाव के बारे में अधिक जानकारी देंगे।
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