
बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने मंगलवार को राज्यभर के लगभग 16.4 लाख निर्माण श्रमिकों के खातों में करीब ₹८०२ करोड़ स्थानांतरित करने की घोषणा की। विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर किया गया यह हस्तांतरण सरकार की वार्षिक श्रमिक कल्याण योजनाओं का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य श्रमिकों और उनके परिवारों को आर्थिक सहयोग प्रदान करना है।
यह राशि बिहार बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड की वार्षिक योजना के तहत सीधे लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से दी गई। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि राशि पारदर्शी और तेज़ी से सीधे श्रमिकों तक पहुँचे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि श्रमिक बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उनके योगदान को सम्मानित करना सरकार का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि यह वित्तीय सहयोग केवल सहायता नहीं बल्कि राज्य के विकास में श्रमिकों की अहम भूमिका का सम्मान भी है।
विश्वकर्मा पूजा, जिसे भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में मनाया जाता है, विशेषकर कारीगरों और निर्माण श्रमिकों का प्रमुख पर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिन श्रमिकों के लिए आर्थिक सहायता देना न केवल एक योजना है, बल्कि उनके जीवन और मेहनत को प्रत्यक्ष रूप से समर्पित एक कदम भी है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना के लिए वेब पोर्टल लॉन्च करने की भी घोषणा की। यह योजना युवाओं को इंटर्नशिप, प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों के दौरान वित्तीय सहयोग प्रदान करेगी। पोर्टल के माध्यम से आवेदन और सत्यापन प्रक्रिया सरल होगी और लाभार्थियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा।
अधिकारियों का कहना है कि ₹८०२ करोड़ का यह पैकेज राज्य की समावेशी विकास दृष्टि का हिस्सा है। इससे समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी और बिचौलियों की भूमिका कम होगी।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना का समय चुनावी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए श्रमिकों और युवाओं के लिए कल्याणकारी उपाय जनता की राय को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इन योजनाओं की सफलता उनकी निरंतरता और सही निगरानी पर निर्भर करेगी।
श्रमिक संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया, लेकिन सरकार से यह भी आग्रह किया कि रोजगार की अनियमितता, कार्यस्थल की सुरक्षा और पंजीकरण संबंधी समस्याओं को भी दूर किया जाए। उनके अनुसार समय पर वित्तीय सहयोग श्रमिकों को त्यौहारों पर राहत देता है और साहूकारों पर निर्भरता घटाता है।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि समाज के कमजोर वर्गों और श्रमिकों के कल्याण के लिए सरकार लगातार कार्य करती रहेगी। आने वाले समय में युवाओं और श्रमिकों के लिए और भी योजनाएँ शुरू की जाएँगी।
त्योहारों के इस मौसम में श्रमिकों के खातों में पहुँचे ₹८०२ करोड़ न केवल आर्थिक स्थिरता देंगे बल्कि सरकार के समावेशी विकास