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तीन हार ने राहुल गांधी की नैतिकता बदल दी: अमित शाह का हमला, अपराधी नेताओं पर बिल की बहस में गरमाई राजनीति

In Politics
August 25, 2025

नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को उस समय जमकर हंगामा हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि लगातार चुनावी हार के बाद उनका नैतिक रुख बदल गया है। यह टिप्पणी उस बहस के दौरान आई जब सदन में अपराधी पृष्ठभूमि वाले नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए एक नया विधेयक पेश किया गया।

शाह ने 2013 की घटना का जिक्र किया, जब राहुल गांधी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कैबिनेट द्वारा पारित अध्यादेश को प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाड़ते हुए उसे “बकवास” करार दिया था। उस समय राहुल गांधी ने खुद को भ्रष्टाचार और दागी नेताओं के खिलाफ लड़ाई का चेहरा पेश किया था।

अमित शाह ने कहा, “आज तीन चुनावी हार के बाद राहुल गांधी अपने ही शब्दों से पलट गए हैं। जिस चीज का कभी उन्होंने विरोध किया था, आज उसी का समर्थन कर रहे हैं। यह नैतिकता नहीं बल्कि राजनीतिक मजबूरी है।”

सत्ता पक्ष की ओर से जोरदार तालियां गूंज उठीं, लेकिन कांग्रेस सांसदों ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों में भी कई दागी नेता मौजूद हैं। “अगर नैतिकता ही पैमाना है, तो भाजपा को पहले अपने घर के भीतर झांकना चाहिए,” एक कांग्रेस सांसद ने पलटवार किया।

यह विधेयक एक बार फिर राजनीति में अपराधीकरण के मुद्दे को केंद्र में ले आया है। भाजपा का दावा है कि वह सार्वजनिक जीवन को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि विपक्ष का कहना है कि सत्ताधारी दल इस मुद्दे का इस्तेमाल चुनिंदा तौर पर कर रहा है और अपने सहयोगियों को बचा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शाह की यह टिप्पणी न केवल कांग्रेस को घेरने की रणनीति थी, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा की भ्रष्टाचार विरोधी छवि को मजबूत करने की कोशिश भी थी। यह टकराव एक बार फिर दिखाता है कि भारतीय लोकतंत्र में राजनीति और अपराध का रिश्ता अब भी सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।

 

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Rajneeti Guru Author