आंध्र प्रदेश की राजनीति में नया मोड़, TDP की निगाहें जगन के कदम पर टिकीं
नई दिल्ली: उपचुनावों में लगातार झटके झेल रही वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ हाथ मिलाते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने का एलान किया है। पार्टी प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने अपने दोनों सदनों में मौजूद 10 सांसदों को निर्देश दिया है कि वे एनडीए उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन के पक्ष में मतदान करें।
घटना की पृष्ठभूमि
पिछले कुछ महीनों से आंध्र प्रदेश की राजनीति में तेजी से बदलते समीकरणों ने नया मोड़ लिया है। वाईएसआर कांग्रेस ने बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ाने का निर्णय लिया है, जबकि तेलुगु देशम पार्टी (TDP) इस कदम को लेकर पैनी नजर रखे हुए है। जगन का यह फैसला राज्य की भविष्य की राजनीति को सीधे प्रभावित कर सकता है।
संसद में राजनीतिक हलचल
YSRCP का उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी का समर्थन करना संसद की राजनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। विपक्षी खेमे का मानना है कि यह कदम आंध्र प्रदेश में बीजेपी और YSRCP की संभावित राजनीतिक दोस्ती की झलक है। वहीं, तेलंगाना की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) अब भी किसी ठोस फैसले पर नहीं पहुंची है।
TDP की प्रतिक्रिया
तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी का कहना है कि जगन का यह कदम राज्य की राजनीति में सत्ता बचाने की रणनीति है। TDP नेताओं का दावा है कि यह गठजोड़ आंध्र प्रदेश की जनता के हितों के खिलाफ है और इससे विपक्ष की भूमिका कमजोर होगी।
निष्कर्ष
जगन का यह फैसला साफ करता है कि राष्ट्रीय राजनीति में YSRCP अब बीजेपी के करीब जाती दिख रही है। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस कदम से आंध्र प्रदेश की सत्ता संतुलन में बड़ा बदलाव संभव है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि BRS किस पक्ष में जाती है और उपराष्ट्रपति चुनाव का अंतिम गणित किस तरह बदलता है।