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चुनावों से पहले पटना में राजद नेता की गोली मारकर हत्या

In Politics
September 11, 2025
RajneetiGuru.com - चुनावों से पहले पटना में राजद नेता की गोली मारकर हत्या - Ref by NDTV

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक नेता राजकुमार राय की बुधवार रात राज्य की राजधानी में दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना ने 2025 के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले बिहार के राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी है।

यह घटना चित्रगुप्त नगर थाना क्षेत्र के मुन्नाचक इलाके में हुई। पुलिस के अनुसार, राय, जिन्हें अल्लाह राय के नाम से भी जाना जाता था, अपने घर के बाहर खड़े थे, तभी मोटरसाइकिल पर सवार दो लोग उनके पास आए और गोलियां चलाने के बाद मौके से फरार हो गए। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पटना पूर्वी के पुलिस अधीक्षक, परिचय कुमार ने पुष्टि की कि घटनास्थल से छह कारतूस बरामद किए गए हैं। कुमार ने कहा, “हमें सीसीटीवी फुटेज मिला है जिसमें यह घटना कैद हुई है, और एक फोरेंसिक टीम ने सबूत इकट्ठा किए हैं। आरोपियों की पहचान करने और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।” हालांकि विस्तृत जांच चल रही है, पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया मकसद भूमि विवाद प्रतीत होता है, क्योंकि राय रियल एस्टेट के कारोबार में शामिल थे।

हालांकि, हत्या के समय ने एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। राजद के सूत्रों ने दावा किया कि राय एक सक्रिय पार्टी कार्यकर्ता थे और आगामी विधानसभा चुनाव हाई-प्रोफाइल राघोपुर निर्वाचन क्षेत्र से लड़ने की तैयारी कर रहे थे। यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि राघोपुर राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की वर्तमान सीट है।

राजद ने इस हत्या की तुरंत निंदा की और इस घटना के लिए सत्तारूढ़ एनडीए सरकार के तहत बिगड़ती कानून-व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ राजद नेता ने कहा, “पटना के दिल में हमारे नेता की यह नृशंस हत्या एक भयावह याद दिलाती है कि इस सरकार के तहत बिहार में ‘जंगल राज’ लौट आया है। अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं है, और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। हम उच्च स्तरीय जांच और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं।”

पृष्ठभूमि:
अपराध, राजनीति और भूमि विवाद
बिहार का अपराध और राजनीति के गठजोड़ का एक लंबा और अशांत इतिहास रहा है। दशकों से, राज्य राजनीतिक हिंसा की कहानी से जूझता रहा है, और हाई-प्रोफाइल हत्याएं अक्सर प्रमुख चुनावी मुद्दे बन जाती हैं। ‘जंगल राज’ शब्द एक आवर्ती राजनीतिक नारा रहा है जिसका उपयोग प्रतिद्वंद्वी दल कानून-व्यवस्था की स्थिति पर एक-दूसरे पर हमला करने के लिए करते हैं।

इसके अलावा, भूमि स्वामित्व पर विवाद पूरे राज्य में हिंसक अपराध का एक प्राथमिक चालक है। जटिल और अक्सर खराब रखरखाव वाले भूमि रिकॉर्ड के कारण, संपत्ति पर संघर्ष अक्सर खून-खराबे में बदल जाते हैं। पुलिस की जांच की प्रारंभिक दिशा इस गहरी सामाजिक-आर्थिक समस्या को एक संभावित कारण के रूप में इंगित करती है।

सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) के एक प्रवक्ता ने इस घटना का राजनीतिकरण करने के खिलाफ आगाह किया। “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना है। हमें बिहार पुलिस पर पूरा भरोसा है कि वह एक त्वरित और निष्पक्ष जांच करेगी। विपक्ष को निष्कर्ष पर पहुंचने से बचना चाहिए और कानून को अपना काम करने देना चाहिए। शुरुआती निष्कर्ष एक व्यक्तिगत या व्यावसायिक विवाद की ओर इशारा करते हैं।”

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला पुलिस के लिए एक जटिल चुनौती प्रस्तुत करता है। एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और सुरक्षा विश्लेषक, श्रीकांत सिंह कहते हैं, “हालांकि चुनावों से ठीक पहले इस हत्या का समय स्वाभाविक रूप से राजनीतिक अटकलों को हवा देता है, लेकिन गोलियों से भूमि विवादों का निपटारा बिहार में एक गंभीर वास्तविकता है। पुलिस के लिए चुनौती एक निष्पक्ष जांच करना होगा जो आपराधिक मकसद को राजनीतिक नतीजों से अलग करे, क्योंकि दोनों अक्सर राज्य के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने में गहराई से जुड़े होते हैं।”

जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनावों के करीब आ रहा है, इस हत्या ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है, और एक विवादास्पद राजनीतिक लड़ाई के लिए मंच तैयार कर दिया है。

Author

  • Anup Shukla

    अनूप शुक्ला पिछले तीन वर्षों से समाचार लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे मुख्य रूप से समसामयिक घटनाओं, स्थानीय मुद्दों और जनता से जुड़ी खबरों पर गहराई से लिखते हैं। उनकी लेखन शैली सरल, तथ्यपरक और पाठकों से जुड़ाव बनाने वाली है। अनूप का मानना है कि समाचार केवल सूचना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जागरूकता फैलाने का माध्यम है। यही वजह है कि वे हर विषय को निष्पक्ष दृष्टिकोण से समझते हैं और सटीक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जनसमस्याओं जैसे कई विषयों पर प्रकाश डाला है। उनके लेख न सिर्फ घटनाओं की जानकारी देते हैं, बल्कि उन पर विचार और समाधान की दिशा भी सुझाते हैं। राजनीतिगुरु में अनूप शुक्ला की भूमिका है — स्थानीय और क्षेत्रीय समाचारों का विश्लेषण, ताज़ा घटनाओं पर रचनात्मक रिपोर्टिंग, जनसरोकार से जुड़े विषयों पर लेखन, रुचियाँ: लेखन, यात्रा, फोटोग्राफी और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा।

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अनूप शुक्ला पिछले तीन वर्षों से समाचार लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे मुख्य रूप से समसामयिक घटनाओं, स्थानीय मुद्दों और जनता से जुड़ी खबरों पर गहराई से लिखते हैं। उनकी लेखन शैली सरल, तथ्यपरक और पाठकों से जुड़ाव बनाने वाली है। अनूप का मानना है कि समाचार केवल सूचना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच और जागरूकता फैलाने का माध्यम है। यही वजह है कि वे हर विषय को निष्पक्ष दृष्टिकोण से समझते हैं और सटीक तथ्यों के साथ प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन, शिक्षा, रोजगार, पर्यावरण और जनसमस्याओं जैसे कई विषयों पर प्रकाश डाला है। उनके लेख न सिर्फ घटनाओं की जानकारी देते हैं, बल्कि उन पर विचार और समाधान की दिशा भी सुझाते हैं। राजनीतिगुरु में अनूप शुक्ला की भूमिका है — स्थानीय और क्षेत्रीय समाचारों का विश्लेषण, ताज़ा घटनाओं पर रचनात्मक रिपोर्टिंग, जनसरोकार से जुड़े विषयों पर लेखन, रुचियाँ: लेखन, यात्रा, फोटोग्राफी और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा।

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