ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी द्वारा दो दिनों की पाकिस्तान यात्रा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इस यात्रा का मकसद है पाकिस्तान और ईरान के बीच रिश्तों को मजबूत करना। पाकिस्तान में रायसी का वार्म वेलकम मिला है जिसे विशेषज्ञों ने ईरानी राष्ट्रपति की अगवानी के बारे में आलोचना की है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी ईरानी राष्ट्रपति की तारीफों के पुल बांधे हैं। इस बीच अमेरिका ने पाकिस्तान को दी है धमकी। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के लिए अमेरिका का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और व्यापारिक संबंधों पर प्रतिबंधों की धमकी दी है।
पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस धमकी के बावजूद रूस का समर्थन किया है। उन्होंने आर्थिक संबंधों के महत्व पर जोर दिया है और साझेदारी को बनाए रखने की बात कही है।
इस तरह, ईरान के राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा ने बड़ी राजनीतिक हलचल मचा दी है। अमेरिका की धमकी के बीच पाकिस्तान की राष्ट्रपति को समर्थन दिखाने के लिए उन्होंने रूस का सहारा लिया है। आगे बदने के लिए, संबंधों को मजबूत रखने का एक ठोस कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।
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