जल्द हो सकता है युद्धविराम समझौते पर सहमति, पीएम की संभावित यात्रा से पहले बड़ा संकेत
समझौते पर नई उम्मीद
नई दिल्ली: लंबे समय से टल रहे युद्धविराम समझौते को लेकर केंद्र सरकार और कुकी संगठनों के बीच वार्ता अब अंतिम चरण में पहुँच गई है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार बातचीत का फोकस घाटी और पहाड़ी इलाकों के बीच आवागमन को सुगम बनाने पर है। माना जा रहा है कि यह कदम क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने का बड़ा प्रतीक साबित होगा।
प्रधानमंत्री की संभावित यात्रा
जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत तक मणिपुर का दौरा कर सकते हैं। ऐसे में अगर समझौते पर हस्ताक्षर हो जाते हैं तो यह उनकी यात्रा से पहले शांति और स्थिरता का अहम संदेश होगा। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस ऐतिहासिक समझौते से न सिर्फ़ स्थानीय हालात बेहतर होंगे बल्कि विकास कार्यों को भी गति मिल सकती है।
सुरक्षा और विश्वास बहाली
कुकी संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत में सुरक्षा के मुद्दे भी अहम हैं। सेना और अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी के बावजूद स्थानीय स्तर पर भरोसे की कमी बनी हुई है। युद्धविराम समझौते के नए ड्राफ्ट में इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है कि आम लोगों को भयमुक्त माहौल मिले और रोज़मर्रा की ज़िंदगी सामान्य पटरी पर लौट सके।
निष्कर्ष
स्पष्ट है कि कुकी संगठनों और केंद्र के बीच बातचीत के सफल परिणाम सामने आए तो यह पूरे क्षेत्र के लिए नई शुरुआत साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री की संभावित यात्रा से पहले यह समझौता मणिपुर की राजनीति और सामाजिक हालात में सकारात्मक बदलाव का बड़ा संकेत होगा।