बुद्ध पार्क में प्रस्ताव पर सियासी घमासान, विपक्ष के साथ पार्टी के अंदर भी असहमति
प्रस्ताव पर रोक
कानपुर नगर निगम के बुद्ध पार्क परिसर में शिवालय पार्क बनाने की योजना पर भारी विवाद खड़ा हो गया। नगर निगम ने अब इस प्रस्ताव को रोक दिया है। बताया जा रहा है कि न सिर्फ विपक्षी दल बल्कि भाजपा के अंदर से भी आवाजें उठीं। नेताओं का कहना था कि यह निर्णय बुद्ध और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की विरासत को कमजोर करेगा और दलित समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा।
विपक्ष का हमला
बसपा प्रमुख मायावती और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने इस कदम को दलित विरोधी बताते हुए बीजेपी पर तीखा हमला बोला। दोनों नेताओं ने कहा कि यह दलित समाज के सम्मान और उनके प्रतीकों की अवमानना है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसे फैसले लिए गए तो व्यापक विरोध होगा।
अंदरूनी मतभेद
सिर्फ विपक्ष ही नहीं, बल्कि बीजेपी के कुछ नेता भी इस योजना से सहमत नहीं थे। उनका मानना था कि पार्टी को ऐसे कदमों से बचना चाहिए जो समाज के बड़े वर्ग की भावनाओं को आहत करें। यही कारण है कि बढ़ते दबाव के चलते नगर निगम को योजना पर रोक लगानी पड़ी।
निष्कर्ष
कानपुर का यह विवाद न केवल विपक्षी हमलों का केंद्र बना, बल्कि बीजेपी के अंदर भी असहमति को उजागर कर गया। जानकारों का कहना है कि यह प्रकरण यूपी की राजनीति में दलित समीकरणों की संवेदनशीलता और बीजेपी की आंतरिक खींचतान दोनों को सामने लाता है।