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कर्नाटक में मतदाता सूची घोटाले का दायरा बढ़ा

In Politics
October 27, 2025
rajneetiguru.com - कर्नाटक में मतदाता डेटा घोटाले की जांच गहरी हुई। Image Credit – The Indian Express

कर्नाटक में मतदाता सूची में कथित हेरफेर के मामले की जांच अब और गहराई तक पहुंच गई है। विशेष जांच दल (SIT) ने पाया है कि यह मामला केवल कलबुर्गी जिले की अलंद विधानसभा सीट तक सीमित नहीं है, बल्कि क्षेत्र की कम से कम दो अन्य सीटों में भी इसी डेटा सेंटर के माध्यम से मतदाता सूची से छेड़छाड़ की गई हो सकती है।

कर्नाटक सरकार द्वारा गठित SIT मतदाता सूची से संबंधित डेटा के दुरुपयोग की जांच कर रही है, जिसे मतदाता सत्यापन के नाम पर एकत्र किया गया था। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, स्थानीय राजनीतिक संगठनों से जुड़े निजी एजेंसियों ने संवेदनशील मतदाता डेटा तक पहुंच बनाई और उसमें बदलाव किए।

सूत्रों के अनुसार, कलबुर्गी स्थित एक डेटा सेंटर, जिसे पहले अलंद मामले से जोड़ा गया था, अन्य नजदीकी क्षेत्रों में भी मतदाता डेटा प्रोसेसिंग के लिए इस्तेमाल किया गया था। SIT अब डिजिटल रिकॉर्ड और डेटा एंट्री लॉग की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह कार्य किसके निर्देश पर किया गया।

2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा के एक उम्मीदवार ने कहा, “स्थानीय इकाई ने मतदाता सूची संशोधन कार्य के लिए डेटा सेंटर से कानूनी रूप से समझौता किया हो सकता है।” हालांकि, जांच एजेंसियों का मानना है कि डेटा एक्सेस का पैटर्न यह संकेत देता है कि चुनावी नियमों और डेटा सुरक्षा कानूनों का उल्लंघन हुआ है।

यह विवाद 2023 के अंत में सामने आया, जब आरोप लगे कि अलंद क्षेत्र के मतदाता डेटा को एक निजी कंपनी द्वारा एकत्र और प्रोसेस किया जा रहा था। इसके बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को स्वतंत्र जांच के आदेश दिए और SIT का गठन किया गया।

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एम. चंद्रशेखर की अगुवाई में SIT यह जांच कर रही है कि क्या मतदाता सूची में अवैध रूप से नाम हटाए या जोड़े गए। SIT के सूत्रों का कहना है कि “स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं और निजी डेटा एजेंसियों के बीच सहयोग” के संकेत मिले हैं।

इस खुलासे के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। कांग्रेस ने भाजपा पर मतदाता डेटा के “संगठित दुरुपयोग” का आरोप लगाया है।

उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा, “SIT सच्चाई उजागर करेगी। यदि कोई दोषी पाया गया, तो राजनीतिक पहचान की परवाह किए बिना कार्रवाई की जाएगी।”

वहीं भाजपा ने कहा कि जांच को राजनीतिक रंग न दिया जाए। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “हम निष्पक्ष जांच का समर्थन करते हैं, लेकिन कांग्रेस अपने प्रशासनिक असफलताओं से ध्यान भटकाना चाहती है।”

इस विवाद ने एक बार फिर मतदाता डेटा सुरक्षा पर बहस छेड़ दी है। साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने कहा, “अगर मतदाता डेटा का दुरुपयोग साबित होता है, तो यह निजता और लोकतंत्र दोनों के लिए खतरा है। चुनाव आयोग को डेटा सुरक्षा के नियम और कड़े करने होंगे।”

SIT की जांच जारी है और इसने भारत की डिजिटल होती लोकतांत्रिक प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

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  • नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
    दिल से एक कहानीकार, मैं हर क्लिक, हर स्क्रॉल और हर नए विचार में रचनात्मकता खोजता हूँ। चाहे दिल से लिखे गए शब्दों से जुड़ाव बनाना हो, कॉफी के साथ नए विचारों पर काम करना हो, या बस आसपास की दुनिया को महसूस करना — मैं हमेशा उन कहानियों की तलाश में रहता हूँ जो असर छोड़ जाएँ।

    मुझे शब्दों, कला और विचारों के मेल से नई दुनिया बनाना पसंद है। जब मैं लिख नहीं रहा होता या कुछ नया सोच नहीं रहा होता, तब मुझे नई कैफ़े जगहों की खोज करना, अनायास पलों को कैमरे में कैद करना या अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए नोट्स लिखना अच्छा लगता है।
    हमेशा सीखते रहना और आगे बढ़ना — यही मेरा जीवन और लेखन का मंत्र है।

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नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
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