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उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा सांसद कार्यशाला जारी

In Politics
September 08, 2025
rajneetiguru.com -उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा सांसद कार्यशाला जारी। Image Credit - The Indian Express

उपराष्ट्रपति चुनाव कल होने वाला है, और इसके मद्देनज़र राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को अपने संसदीय कार्यशाला के पहले दिन का आयोजन किया, जिसमें विधायी जिम्मेदारियों, शासन प्राथमिकताओं और सांसदों की नीति निर्माण में भूमिका पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस अवसर पर मौजूद रहे और पिछली पंक्ति में बैठकर सांसदों से संवाद किया तथा अपने राजनीतिक अनुभव साझा किए।

यह दो दिवसीय कार्यशाला भाजपा सांसदों के लिए आयोजित की गई है, जिसका उद्देश्य उन्हें आगामी संसदीय सत्र के लिए तैयार करना और नीति संचार को और सशक्त बनाना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह पहल सरकार और उसके सांसदों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए की गई है ताकि संसदीय बहस विकास और जनकल्याण के मुद्दों पर केंद्रित रह सके।

पहले दिन सांसदों को संसदीय आचरण, अनुशासन और जनता से जुड़े रहने के महत्व पर मार्गदर्शन दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विनम्रता, सहजता और चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मज़बूत करती है।

कार्यशाला में भारत की आर्थिक दिशा, विदेश नीति और गलत सूचना से निपटने की रणनीति पर भी सत्र आयोजित किए गए। वरिष्ठ नेताओं ने सांसदों से कहा कि वे तकनीक और सोशल मीडिया का ज़िम्मेदारी से इस्तेमाल कर तथ्यों को सामने रखें और भ्रामक सूचनाओं का जवाब दें।

कार्यशाला का समय बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनाव इसके ठीक अगले दिन होना है। संसद में संख्यात्मक मज़बूती के कारण भाजपा को नतीजे को लेकर भरोसा है, लेकिन वरिष्ठ नेताओं ने एकजुटता, अनुशासन और मतदान प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी पर ज़ोर दिया। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं और उनका दायित्व सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाना है।

राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार ने कहा, “ऐसी कार्यशालाएँ खासकर नए सांसदों को संसदीय प्रक्रियाओं और नीतिगत बहसों की बारीकियों को समझने में मदद करती हैं। यह पार्टी की विधायी दक्षता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

सोमवार को होने वाले दूसरे दिन के सत्र में सांसदों को जनसंपर्क, निर्वाचन क्षेत्र प्रबंधन और आगामी चुनौतियों पर मार्गदर्शन दिया जाएगा। उन्हें सरकार की प्रमुख योजनाओं और उनके प्रभाव को मतदाताओं तक सही तरीके से पहुँचाने के उपायों पर भी जानकारी दी जाएगी।

आज के कार्यक्रम में इंटरैक्टिव चर्चाएँ, केस स्टडीज़ और वरिष्ठ नेताओं से सीधा संवाद शामिल होगा। इसमें जनता की समस्याओं का समाधान करने और जमीनी स्तर पर मज़बूत जुड़ाव बनाए रखने पर बल दिया जाएगा।

भारत के उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के बाद दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है, जिसका कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है। राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति का दायित्व निष्पक्षता बनाए रखना और बहसों को सुचारू रूप से संचालित करना होता है। यह चुनाव ऐसे समय हो रहा है जब संसद को कई अहम नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करनी है।

कल होने वाले चुनाव से पहले भाजपा की यह कार्यशाला सांसदों के लिए विधायी जिम्मेदारियों और चुनावी तैयारियों को जोड़ने का अवसर है। शासन और जनता से जुड़ाव—दोनों पर एक साथ ध्यान केंद्रित करना भाजपा की रणनीति को दर्शाता है।

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