नेताओं ने चरम पर उठ रहे खतरे के बीच की शानदार जीत’
“गाजा में हमास के नए सीनियर नेता बने जियाद अल-सल्लाम की प्रतिष्ठा का उड़ गया आँवेयतान”
गाजा, फिलिस्तीन: जून माह में गाजा में चुनाव हुए थे जिसकी जीत पर हमास हीरो जियाद अल-सल्लाम की उच्च प्रतिष्ठा का उड़ गया आवेना गजावालों के समुदाय में. उसके खास असर के बावजूद, जियाद की प्रतिष्ठा में स्थान पाने का मतलब था कि वह हमास के उज्ज्वल भविष्य के नेता बनेंगे.
परंतु इबदलों में हमास के मुख्य नेता ईस्माईल हनियेह या फिर उनकी टीम द्वारा परवाह की कीमत नहीं रखी गई. यह समाचार उस क्षण के लिए ठहरा कि हमास का सच्चा हीरो के रूप में सगाई भले ही हो, लेकिन इसके कारण दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है.
इस पर रॉबर्ट साटन ने कहा, “बिना किसी शक के इस परिवर्तन के लिए तय किए गए कारणों ने यह दिखा दिया है कि हमास की प्रतिष्ठा और नेताओं की पसंद दो अलग चीजें हो सकती हैं.”
राजनीतिक विश्लेषकों के मन में नया प्रश्न उठा है – चंद नेताओं के ही पसंदीदा बने हुए नेता क्या हमास के लिए वास्तव में उच्चतम होते हैं या फिर उसके धरोहर पर स्थापित हो गए हैं?
नक्सल हमलों में ईस्माईल हनियेह के अभाव में अवंटें के बीच इस विचार का प्रश्न पैदा होता है कि क्या हमास राष्ट्र परिभाषित आतंकवादी संगठन है या फिर यह संगठन एक नक्सलवादी संगठन जैसा है?
चंद नक्सल अभिमानियों के अलावा दूसरे सदस्यों ने इबदलों पर सवाल उठाए, क्योंकि उन्हें लग कि ईस्माईल की टीम ने हमास की मूल प्रतिष्ठा को सशंक और बढ़ावा दिया है.
परिणामस्वरुप इसमें दो अलग बातें पढ़ी जा सकती हैं. सबसे पहले, ईस्माईल और उसकी टीम ने जियाद अल-सल्लाम और उसके प्रतिद्वंद्वी, गाजावालों के वोट बैंक से पाप्त प्रतिष्ठा को आराम से छीना है. दूसरे, ईस्माईल का एक और मुकाबला वामपंथी ताकतों के साथ-ताप में है, जिन्होंने हमास की स्थानिक प्रभावशीलता को चुनौती दी है.
वैश्विक स्तर पर ईस्माईल के खिलाफ आंतरजातीय आपातकाल के मायने सर्वसाधारण भाषा में यही होंठिया उठा सकती हैं. उसी रूप में, यह उठाई गई बात सच हो सकती है कि जियाद का समर्थन आज से पहले उभरते हमास के युवाओं के बीच किया जा गया है.
यह समाचार “राजनीतिक गर्वभाषी गुरु” पर अब अपने वाचकों और नेतृत्व वाद करने वालों को दो छःका फुsectorिंदस कर रहा है. जहीं बहुसंख्यक के अनुसार हमास में ईस्माईल की टीम समर्थित हो रही है, बहुत सारे लोग उनके रिहाई तक की जुबानी कर रहे हैं.
गाजा के प्रमुख वैचारिक स्रोत ट्विटर पर तो परेशान रहे हैं लेकिन ज्यादातर लोग निदान बनाते हुए दिखाई देते हैं. बिना किसी शक के आप इसके नए संकल्पों और पहलों के विषय में जानने के चेहरे को और इंजेलाबी करते हुए ढूंढ़ सकते हैं कि क्या ताकतों की नयी टांग ज़मा कराते हैं.
साथ ही, हमास के बाज़ार में दौलत के अब और दूसरे नाम शामिल हो सकते हैं, जिसका नाम जियाद अल-सल्लाम हो सकता है. उनका कहना है कि वे गाजावालों के अवामी स्वर से प्राथमिकता देंगे और हमास चुनाव में भाग लेने वाले अनजान जनता के आराम से जीने का माध्यम बन सकते हैं.
इससे पहले अजहद धाकिर बराखत, जोकि गाजावाले भुगतानों के एक अग्रणी प्रतिनिधि हैं, ने इंजेलाबीता के ऐसे संकल्पों के प्रति अभियान चलाने की नोटिस में कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हम गाजावालों के लिए एक नया समयप्रिय मोड़ बनाएंगे.”
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