पिछले हफ्ते हमास के हमले के बाद इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रजातंत्र में बढ़ीं मुश्किलें हो रही हैं। इस्राइली सेना ने गाजा में हमले की तैयारी कर रखी है, जिससे बंधकों की जान की चिंता बढ़ी है। इस्राइल का दावा है कि हमास की चार बटालियन राफा में मौजूद हैं।
अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते नेतन्याहू पर युद्धविराम की मांग की जा रही है। हमास के प्रतिनिधियों ने मिस्त्र पहुंचकर भारतीय सरकार से युद्धविराम की मांग की है। अमेरिका भी ने कहा है कि उनका फोकस युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पर है।
इस समय अंतरराष्ट्रीय दबाव के साथ-साथ घरेलू नेताओं ने नेतन्याहू को चेतावनी दी है कि वह इस मामले को ठीक से संभालें। विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की जांच के खिलाफ राय दी जा रही है।
इस संकटमय समय में इस्राइली सरकार को कठिन फैसले लेने पड़ेंगे। दूसरी ओर, हमास को भी यह समय संभालकर चलने की जरूरत है। इस संघर्ष में अब कौन जीतेगा और किसकी होगी हार, यह समय बताएगा।
इस्राइल और गाजा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। क्या इस संघर्ष का कोई समाधान मिलेगा, या फिर आखिरकार युद्ध ही होगा, यह देखने के लिए हमें इंतजार करना पड़ेगा।
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