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आरएसएस के 3 दिवसीय व्याख्यान माला की शुरुआत : मोहन भागवत रखेंगे संघ की 100 साल की यात्रा और भविष्य की रूपरेखा

In Politics
August 26, 2025

कूटनीतिक हस्तियों से लेकर पूर्व सेना प्रमुख तक, संघ ने तैयार की खास अतिथि सूची, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश गोपी की मौजूदगी की संभावना

आयोजन का महत्व

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आज से अपनी तीन दिवसीय व्याख्यान माला की शुरुआत कर रहा है। इस कार्यक्रम का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह संघ की 100 वर्ष की यात्रा को समर्पित है। संघ प्रमुख मोहन भागवत इस अवसर पर संगठन की ऐतिहासिक उपलब्धियों और भविष्य की दिशा पर विस्तार से विचार रखेंगे।

विशेष अतिथियों की मौजूदगी

संघ ने इस कार्यक्रम के लिए एक खास मेहमानों की सूची तैयार की है। इसमें राजनयिकों, पूर्व सेना प्रमुखों और पूर्व न्यायाधीशों को आमंत्रित किया गया है। माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश गोपी भी इस व्याख्यान माला में शामिल होंगे।

कार्यक्रम का मकसद

सूत्रों के अनुसार, व्याख्यान माला का उद्देश्य न केवल संघ की अब तक की यात्रा को साझा करना है, बल्कि बदलते सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में संगठन की भूमिका पर चर्चा करना भी है। यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर विचार-विमर्श और संवाद को नया आयाम देने का प्रयास मानी जा रही है।

निष्कर्ष

आरएसएस के इस ऐतिहासिक आयोजन से यह संदेश स्पष्ट है कि संगठन अपने शताब्दी वर्ष को केवल एक उत्सव के रूप में नहीं देख रहा, बल्कि इसे नए भारत के निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम मान रहा है।

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  • नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
    दिल से एक कहानीकार, मैं हर क्लिक, हर स्क्रॉल और हर नए विचार में रचनात्मकता खोजता हूँ। चाहे दिल से लिखे गए शब्दों से जुड़ाव बनाना हो, कॉफी के साथ नए विचारों पर काम करना हो, या बस आसपास की दुनिया को महसूस करना — मैं हमेशा उन कहानियों की तलाश में रहता हूँ जो असर छोड़ जाएँ।

    मुझे शब्दों, कला और विचारों के मेल से नई दुनिया बनाना पसंद है। जब मैं लिख नहीं रहा होता या कुछ नया सोच नहीं रहा होता, तब मुझे नई कैफ़े जगहों की खोज करना, अनायास पलों को कैमरे में कैद करना या अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए नोट्स लिखना अच्छा लगता है।
    हमेशा सीखते रहना और आगे बढ़ना — यही मेरा जीवन और लेखन का मंत्र है।

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नमस्ते, मैं सब्यसाची बिस्वास हूँ — आप मुझे सबी भी कह सकते हैं!
दिल से एक कहानीकार, मैं हर क्लिक, हर स्क्रॉल और हर नए विचार में रचनात्मकता खोजता हूँ। चाहे दिल से लिखे गए शब्दों से जुड़ाव बनाना हो, कॉफी के साथ नए विचारों पर काम करना हो, या बस आसपास की दुनिया को महसूस करना — मैं हमेशा उन कहानियों की तलाश में रहता हूँ जो असर छोड़ जाएँ।

मुझे शब्दों, कला और विचारों के मेल से नई दुनिया बनाना पसंद है। जब मैं लिख नहीं रहा होता या कुछ नया सोच नहीं रहा होता, तब मुझे नई कैफ़े जगहों की खोज करना, अनायास पलों को कैमरे में कैद करना या अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए नोट्स लिखना अच्छा लगता है।
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