फतेहपुर की घटना पर सपा प्रमुख ने न केवल सरकार को आज़माया, बल्कि साझा भविष्य की चिंता भी व्यक्त की
लखनऊ, 13 अगस्त: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हालिया फतेहपुर मकबरा–मंदिर विवाद को लेकर भाजपा सरकार की नीतियों पर गंभीर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि “सांप्रदायिक राजनीति भारत के लिए हानिकारक है। भाजपा समाज को विभाजित कर ही राजनीतिक सफलता पा रही है”।
घटना की पृष्ठभूमि
फतेहपुर स्थित लगभग 200 वर्ष पुराने मकबरे को हिंदू संगठनों ने यह कहते हुए निशाना बनाया कि वह पहले एक मंदिर था। कथित रूप से कुछ लोगों ने मकबरे पर कब्ज़ा कर भगवा ध्वज फहराया और हिंसात्मक घटनाएं हुईं, जिसके बाद प्रशासन ने FIR दर्ज की और सुरक्षा उपाय कड़े किए गए
विधानसभा में राजनीतिक उबाल
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र इस मुद्दे पर भारी राजनीतिक टकराव के चलते पटरी से उतर गया। सपा विधायकों ने हंगामा करते हुए कहा कि सरकार जानबूझ कर communal harmony को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। इस बीच, उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पलटवार किया कि सपा और कांग्रेस लोकतंत्र को कमजोर करने की राजनीति कर रहे हैं, और उन्होंने कहा, “शांति उन्हें खटकती है”।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने विवाद के तुरंत बाद मकबरे की मरम्मत करवाई और सुरक्षा बलों की तैनाती की, ताकि तनाव को नियंत्रित किया जा सके। वहीं विधान परिषद में भी राज्य सरकार और सपा के बीच तीखी बहस देखी गई, जिसमें SP पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने का आरोप भी लगा।
निष्कर्ष
अखिलेश यादव की टिप्पणी इस बात पर ज़ोर देती है कि सांप्रदायिक भावनाओं का राजनीतिक लाभ उठाना राष्ट्रीय सुरक्षा और सह-अस्तित्व को खतरे में डाल सकता है। उनका यह संदेह कि सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी घटनाओं का लाभ उठा रही है, यूपी की सामाजिक–राजनीतिक तस्वीर को और विकट बनाता है।