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अंतरराष्ट्रीय व्यापार स्वेच्छा से होना चाहिए : मोहन भागवत

In Politics
August 28, 2025

अमेरिकी शुल्क विवाद के बीच RSS प्रमुख का बयान

स्वैच्छिकता पर जोर

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार तभी टिकाऊ और न्यायपूर्ण हो सकता है जब यह स्वेच्छा से और समान शर्तों पर आधारित हो।

अमेरिकी शुल्क पर संदर्भ

हाल ही में अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने और संरक्षणवादी नीतियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस तेज हो गई है। इस बीच भागवत ने कहा कि व्यापार में जबरदस्ती या दबाव के बजाय आपसी समझ और साझेदारी को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

भारत का दृष्टिकोण

भागवत ने कहा कि भारत हमेशा से ‘विश्व को एक परिवार’ मानकर आगे बढ़ने की नीति पर चला है। ऐसे में व्यापार भी पारस्परिक विश्वास और समान अवसरों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर व्यापार केवल आर्थिक लाभ के लिए दबाव बनाकर किया जाएगा, तो इसका नुकसान सबको उठाना पड़ेगा।

निष्कर्ष

RSS प्रमुख का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी पर दुनिया में असंतोष है। भागवत ने स्पष्ट संदेश दिया कि व्यापार का असली आधार पारस्परिक सहमति और स्वैच्छिकता ही होना चाहिए।

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Rajneeti Guru Author