बच्चों के खेलने की प्रथा में अंतर, बच्चों की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर असर डाल रहा है। आजकल बच्चे अधिकतर अपने घरों में ही रहकर रह गए हैं। इसके कारण उन्हें बाहर खेलने का मौका नहीं मिलता है।
बाहर खेलने का महत्व बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अहम है। बाहर खेलने से उन्हें विटामिन-डी मिलता है जो उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही उनकी एक्सरसाइज होती है और उनकी इम्युनिटी मजबूत होती है।
बाहर खेलने से बच्चों का मोटापा कम होता है और उनका तनाव भी कम होता है। इसके अलावा, उन्हें अच्छी नींद भी आती है जो उनकी मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। बाहर खेलने से उनकी क्रिएटिविटी और रचनात्मकता भी बढ़ती है।
इन सभी कारणों से बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है। उन्हें खेलने के लिए मना करने की बजाय उन्हें खेलने के लिए उत्तेजित किया जाना चाहिए।
यह एक महत्वपूर्ण समस्या है और सरकार को भी इस पर ध्यान देना चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में भी इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि बच्चों का सही विकास हो सके।
इसके अलावा, बच्चों के लिए पाठ्यक्रम में खेल को शामिल करना भी जरूरी है। इससे बच्चों के विकास में सुधार आ सकता है।
संबंधित अभियान चलाना चाहिए ताकि बच्चों को बाहर खेलने का मौका मिले। इससे उनके स्वास्थ्य और विकास को बढ़ावा मिल सके। इससे समाज में एक स्वस्थ और तंदुरुस्त नस्ल का निर्माण हो सकेगा।
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