झारखंड की सियासी फिजा पिछले कुछ दिनों में बहुत तेजी से बदली है। सरकार के फैसलों के कारण विपक्ष तो हमलावर रहा ही है, सत्ताधारी पार्टी के नेता भी अपने ही सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते आये हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम है सरकार के मंत्री सरयू राय का।
सरयू राय अपने बेबाक बोल के लिए जाने जाते हैं, और यह इमेज उन्होंने अपने लंबे राजनीतिक सफर के दौरान बनाई है। सरकार की कार्यशैली पर उन्होंने कई बार सवाल उठाए हैं, सरकार के कई फैसलों पर कैबिनेट की बैठक में भी वे अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। सीएस राजबाला वर्मा की कार्यशैली पर उन्होंने खुलेआम अपनी आपत्ति दर्ज की है, चारा घोटाले में सीएस की नोटिस का प्रसंग आने के बाद कई बार वह सीएम को पत्र लिख चुके हैं। सरकार की छवि पर उन्होंने बीजेपी आलाकमान को भी आगाह किया है, पर कहीं से कुछ भी पहल होता न देख उन्होंने सरकार से दूरी बनाने का निर्णय लिया है।
जानकारों की मानें तो राज्य में बहुत तेजी से अलोकप्रिय हो रही सरकार का वे हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं इसलिए फरवरी के पहले ही सप्ताह में पार्टी आलाकमान से मिल कर खुद को मंत्रिमंडल से हटाने का आग्रह करने का मन बना रहे हैं। इसके साथ ही सरयू राय झारखंड के सियासी मुद्दों से सबको रू-ब-रू करवाएंगे। जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष अगस्त में भी उन्होंने दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी और राज्य के हालात से परिचित कराया था पर आलाकमान ने कोई संज्ञान नहीं लिया।