वेंकैया नायडू ने आज उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। वह देश के 13वें उपराष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। उपराष्ट्रपति बनने के साथ ही वेंकैया नायडू संसद की ऊपरी सदन के पदेन सभापति बन गए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सरकार के कई बड़े मंत्री भी मौजूद थे। खेतिहर परिवार की पृष्ठभूमि से आने वाले एम वेंकैया नायडू ने देश का उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने तक लंबा सफर तय किया है। आंध्र प्रदेश के नेल्लूर जिला स्थित एक कृषि परिवार में जन्मे नायडू (68) बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कई मंत्रालयों का पदभार भी संभाला है और लंबे समय तक राज्य सभा सदस्य रहे हैं। उनका राजनीतिक करियर चार दशक से अधिक लंबा रहा है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नायडू ने पांच अगस्त को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को हराया है। नायडू का राजनीतिक करियर उस वक्त शुरू हुआ, जब भाजपा के पूववर्ती संगठन जन संघ की दक्षिण भारत में बहुत कम मौजूदगी थी और उस वक्त पार्टी के एक युवा कार्यकर्ता होने के नाते वह अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गजों के पोस्टर चिपकाया करते थे। आपातकाल के दौरान नायडू एबीवीपी के कार्यकर्ता थे। वह गिरफ्तार हुए थे और जेल गए थे।
नायडू जुलाई 2002 से अक्तूबर 2004 तक दो बार लगातार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे थे। साल 2004 के आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने यह पद छोड़ दिया था। वाजपेयी के नेतृत्व वाली पिछली राजग सरकार में वह ग्रामीण विकास मंत्री थे। कभी आडवाणी के करीबी रहे नायडू ने 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी का जोर शोर से समर्थन किया। वह मोदी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री और आवास एवं शहरी विकास मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इससे पहले वह संसदीय कार्य मंत्री का पदभार भी संभाल चुके हैं।