बिहार में इन दिनों खुले में शौच जाने वालों पर प्रशासन और सरकार ने रोक लगा दी है. इसका कारण प्रधानमंत्री का बिहार दौरा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अप्रैल को बिहार दौरे पर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए उनकी महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान में तेजी आई है. बिहार को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) बनाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिए गए हैं. नरेंद्र मोदी 10 अप्रैल को चम्पारण आएंगे.
मामला पटना सिटी अनुमंडल के फतुहा प्रखंड के रुकुनपुर पंचायत का है, जहां केंद्र सरकार की टीम ने स्थानीय प्रशासन के साथ खुले में शौच जाने वाले लोगों पर अहले सुबह धावा बोल दिया. फतुहा के बीडीओ राकेश कुमार अहले सुबह रुकुनपुर और दौलतपुर गांव में टीम के साथ निरीक्षण में पहुंचे थे. केंद्र सरकार की ओर से बिहार में दो से दस अप्रैल तक सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत तमिलनाडु से एक टीम बिहार पहुंची है. इस दौरान सुबह-सुबह खुले में शौच से लौट रहे ग्रामीणों को जमकर लताड़ लगाई गई. साथ ही उनसे खुले में शौच नहीं जाने की अपील भी की. इस दौरान बीडीओ और केंद्रीय टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना भी करना पड़ा. वहीं, कुछ लोगों ने उनकी बातों पर अमल करने की शपथ भी ली.
अधिकारियों ने भी तत्काल गड्ढा खोद कर शौचालय निर्माण कार्य में सहयोग देने में जुट गए. इस मौके पर बीडीओ राकेश कुमार ने बताया कि ऑन-स्पॉट लोगों को समझाने पर इसका ज्यादा प्रभाव पर रहा है. वहीं, तमिलनाडु से आई टीम की सदस्य अरुणा के मुताबिक, 'बिहार के ग्रामीण इलाको में शौचालय नहीं बनने का मूल कारण है आर्थिक तंगी. पहले सरकार की ओर से ग्रामीणों को शौचालय बनाने के लिए पैसे नहीं दिए जाते थे, जिसके कारण बिहार के कई इलाको में लोग शौचालय नहीं बना पाए हैं.’