बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेदकर देश ही नहीं पूरी दुनिया के नामी विधिवक्ता थे। दलित नेता और पुनरुत्थानवादी होने के साथ ही साथ उन्होंने सदैव अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया। गरीब अस्पृश्य परिवार में जन्म लेने के कारण उन्हें जीवन में काफ़ी संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने सार्वजनिक आंदोलन के ज़रिए छुआछूत तथा शोषितों को सामाजिक समानता का अधिकार दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया। उनका मानना था कि जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए और यह सबों का धर्म है कि समानता, भईचारा की आवाज़ को बुलंद करें।
ये बातें मरौना प्रखंड के हड़री गांव में बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेदकर की पुण्य तिथि के अवसर "समरसता दिवस" पर कोसी क्षेत्र के क़द्दावर नेता किशोर कुमार मुन्ना ने कही. श्री मुन्ना ने कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि हम सबसे पहले भारतीय हैं। इसके बाद कुछ और हैं, इसी काम को पीएम नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। आज देश के विकास के लिए सामाजिक एकता आवश्यक है और समाज में एकता की पूर्व शर्त है सामाजिक समता। जब समता आयेगी, तो सामाजिक एकता ख़ुद बख़ुद आ जाएगी. पर इसके लिए हमें प्रयत्न करना होगा। समरसता की शुरूआत स्वयं से करनी होगी।
उन्होंने कहा कि यह कोशिश करनी चाहिए की हमारा व्यवहार सभी को मित्र बनाने वाला हो, तब ही समाज में समता का भाव होगा। अपने परिवार, समाज में ऐसा वातावरण बनाये, जिसमें सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा मिले। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आज कांग्रेस हो या लालू परिवार, राजनीति में अतिरंजित भाषा का इस्तेमाल जनबूझ कर किया जा रहा है. ताकि समाज में विद्वेष फैले और उन्हें इसका राजनीतिक लाभ मिले.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गरीबी खत्म कर देश को प्रगति के पथ ले जाना चाहती है। सामाजिक गैर बराबरी समाप्त कर समरसता कायम करना चाहती है तो विरोधियों को घबराहट हो रही है.पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भारत को बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव अंबेदकर के सपनों का देश बनाने का जो संकल्प लिया है उसमें हमें सफल होंगे.