चाईबासा, डोरंडा और दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी के दौरान लालू यादव अपने निराले अंदाज में दिखे. इस दौरान लालू यादव ने जज शिवपाल सिंह से कई बातें शेयर की. लालू ने कोर्ट में कहा कि हमको एक ही दिक्कत है महोदय कि सप्ताह में तीन ही लोगों को मिलने दिया जाता है. आपके पास बहुत पावर है. इस पर जज ने कहा कि यह पावर विधायिका का है. वही कानून बनाता है.
लालू यादव ने कहा कि हमको कुछ होगा तो आपलोग ही जिम्मेवार होंगे. पुरानी बातें याद करते हुए लालू ने कहा कि मकर संक्रांति में हमलोग दही-चूड़ा में खाते थे, अब क्या करेंगे सर. जज ने कहा कि हम वहीं व्यवस्था करवा देते हैं. कितना दही-चूड़ा चाहिए बोलिये. लालू बोले, हुजूर यह विभाग तो हमलोग यादवों का ही है. रिहा होकर जाते तो आपको भी बुलाकर दही-चूड़ा खिलाते. लालू ने कहा कि हम वकील भी हैं, लेकिन यह भूलकर आपने तीन की जगह साढ़े तीन वर्ष की सजा दे दी. जज ने कहा कि हमारे ऊपर भी लिमिट है. इसलिए हम न तीन किए न ही पांच.
लालू ने कहा कि अभी तो एक और मामला है. हुजूर जेल में मिलने वाला आर्डर कर दीजिए. जज ने कहा कि सिविल कोर्ट में मिलने का आर्डर कर दें क्या. लालू ने कहा कि नहीं जेल में ही. इस बाबत जज ने कहा कि जेल मैनुअल को देखना होगा. हर जगह नियम-कायदा और कानून होता है.