बिहार में एक तरफ जहां जहानाबाद, भभुआ, अररिया में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म है। वहीं दूसरी ओर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा को लेकर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। राजद सुप्रीमो लालू यादव के बयान के बाद जदयू ने पलटवार करते हुए लालू प्रसाद यादव को ही निशाना बनाया है। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि लालू यादव जेल में बैठकर ज्ञान मत बघारिये। ऐसा नहीं है कि आपको ये मौक़ा नहीं मिला था। लेकिन आपने अपने कुर्सी को ज्यादा महत्त्व दिया। यूपीए शासनकाल में अन्य राज्यों को विशेष राज्य दर्ज़ा मिलता रहा। लेकिन आपने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का साहस नहीं जुटाया। क्योंकि आपको तो कुर्सी से मतलब था।
उन्होंने कहा कि लालू यादव तो आधी रात में बिहार में राष्ट्रपति शासन लगवा देते थे। लेकिन कभी आपने बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार के सामने एक मांग तक नहीं रखी। क्योंकि बिहार का विकास आप चाहते ही नहीं थे। अब जेल में बैठ कर ज्ञान बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2004 में लालू यादव के केंद्रीय मंत्री रहते राबड़ी देवी ने विशेष दर्ज़े की मांग क्यों नहीं की। क्यों नहीं यूपीए-1 की सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्ज़ा दिया। उन्होंने कहा कि दरअसल, लालू यादव ने बिहार में कभी विकास को महत्व दिया ही नहीं। लालू यादव और उनका पूरा परिवार बिहार की तरक्की होने नहीं देना चाहता है। लालू सिर्फ अपनी राजनीति को महत्व देते रहे और अपने परिवार को महत्व देते रहे हैं। बिहार का विकास कभी एजेंडे में था ही नहीं। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 से लगातार विशेष दर्ज़े की मांग मजबूती से रखी। लेकिन लालू जी ने ईर्ष्या की वज़ह से बिहार का भला नहीं होने दिया। यूपीए-1 से यूपीए-2 तक आपने बिहार के विकास में अड़ंगा लगाया। बिहार के लिए कभी आपने ना तो विशेष पैकेज की मांग की, न विशेष राज्य के दर्जे की मांग की। लगातार आप केंद्र में मंत्री रहे लेकिन कभी भी बिहार में ऐसी कोई परियोजना लेकर नहीं आए। जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिले और लोग बेहतर जीवन जी सकें। आपने कभी भी यहां के लोगों का विकास नहीं चाहा।