झारखण्ड सरकार के द्वारा धर्मान्तरण विधेयक को कैबिनेट से पास किये जाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि झारखण्ड में बीजेपी की जब से सरकार आयी है तब से नियम और कानून को ताक पर रख दिया गया है। उनके सामने कायदा-कानून कोई चीज नहीं।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि धर्मान्तरण विधेयक 2017 भारत के नागरिक के मौलिक अधिकार का हनन है। मौलिक अधिकार में स्पष्ट है कि कोई भी व्यक्ति अपनी आस्था के अनुसार अपना धर्म, उसका प्रचार-प्रसार स्वतंत्र रूप से कर सकता है। इस विधेयक के आने के बाद अब अगर किसी को धर्मान्तरण करना है तो उसकी सूचना जिले के उपायुक्त को लिखित में देना होगा। अगर किसी व्यक्ति का धर्मान्तरण जबरन होता है तो उसके लिए पहले से आईपीसी के चैप्टर 15 और 295 (a) में प्रावधान है। इस मामले में बीजेपी जानबूझ कर राजनीति कर रही है। जेवीएम इसका लगातार विरोध करेगी। सड़क से लेकर सदन तक पार्टी इस विधेयक का विरोध करेगी।
बाबूलाल ने कहा कि बीजेपी की दोहरी नीति उन पर हावी है। विधानसभा चुनाव के बाद जेवीम के 6 विधायकों को बीजेपी तोड़ कर ले गयी जो कानून का उल्लंघन है। उन्होंने शराब विक्रय के मामले में कहा कि सरकार अब खुद शराब की बिक्री करेगी। जो राज्य हित के लिए गलत है। सरकार 2019 के चुनाव के लिए अवैध तरीके से पैसे जुटाने का काम कर रही है। गरीब के खून को चूस कर अपनी तिजोरी को भरने का काम राज्य सरकार कर रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। CNT/SPT संशोधन मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर पार्टी जल्द ही मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखेगी। जिसमें यह अंकित होगा की सरकार हड़बड़ी में कोई फैसला न ले।
नीतीश के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह नीतीश कुमार का व्यक्तिगत फैसला है। अब नीतीश कुमार से उनका कोई संपर्क नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड में बीजेपी ने पिछले चुनाव और बाद में बाबूलाल को समाप्त करने की पूरी कोशिश की थी लेकिन समाप्त नहीं कर पायी। बीजेपी चाहती है कि राज्य की जनता के मौलिक अधिकार पर अंकुश लगा दिया जाए। सरकार राज्य के गरीबों की जमीन को लूटने का काम कर रही है। ऐसे में उनके साथ जाना संभव ही नहीं है। विधायकों और सांसदों को जमीन दिए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि किसान यदि जमीन नहीं देंगे तो वहां किसी को जाना उचित नहीं होगा।