मिशन 2019 को लेकर कांग्रेस के दो दिवसीय मंथन का आज दूसरा दिन है। पार्टी आगामी चुनाव में देश के विभिन्न राज्यों में महागठबंधन की चुनौतियों को लेकर बैठक कर रही है बताया जा रहा है कि सीट शेयरिंग को लेकर यह जरूरी है कि संगठन में इस मुद्दे पर ठोस चर्चा हो। इस बीच दिलचस्प ये है कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी नहीं हैं वे अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर हैं।
उनकी अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने की। राहुल की गैर मौजूदगी में एंटनी के अलावा पार्टी महासचिव गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, आनंद शर्मा, जयराम रमेश एवं कई राज्यों के प्रभारियों ने आंतरिक विचार-विमर्श किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस दौरान राज्यवार चर्चा हुई और राज्यों से आए पार्टी नेताओं ने गठबंधन की संभावनाओं और उसके परिणामों पर चर्चा की। जिन राज्यों की राजनैतिक स्थिति और प्रस्तावित गठबंधन पर मंथन हुआ उनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड और महाराष्ट्र हैं। सभी राज्यों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किए गए थे जिसमें राज्यों के नेताओं ने प्रजेंटेशन दिया। मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में विधान सभा चुनाव के मद्देनजर यह बैठक अहम मानी जा रही है। हालांकि, बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है लेकिन राहुल गांधी के लौटने के बाद इस पर ठोस फैसली के संभावना है।
ये बैठक सोमवार को दिनभर चली जिसमें राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, विधानमंडल दल के नेताओं, पार्टी सचिवों और प्रदेश प्रभारियों ने हिस्सा लिया और तमाम संभावनाओं पर चर्चा की। बैठक में तेलंगाना प्रभारी केसी कुंतिया, झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह, छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, एमपी प्रभारी दीपक बाबरिया भी मौजूद थे। आज पार्टी के वरिष्ठ नेता राजस्थान, केरल और तमिलनाडु में संभावित गठबंधन पर चर्चा कर रहे हैं।
बता दें कि इस साल के अंत तक यानी दिसंबर में चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में विधान सभा चुनाव होने हैं। इनके अलावा तेलंगाना में भी दिसंबर तक चुनाव कराए जा सकते हैं क्योंकि वहां के सीएम के चंद्रशेखर राव ने इसी महीने 6 सितंबर को निर्धारित वक्त से करीब सात महीने पहले ही विधानसभा भंग कर दी थी। बताया जा रहा है कि पार्टी नेताओं ने बिहार में गठबंधन पर चर्चा के दौरान कहा कि वहां राजद के साथ गठबंधन मजबूत है और उसमें कुछ और छोटे दल शामिल हो सकते हैं। झारखंड में भी कांग्रेस का झामुमो और झाविमो के साथ गठबंधन जारी रहेगा। राजद भी उसका घटक दल है। ओडिशा में पार्टी झामुमो और वाम दलों के साथ गठबंधन करेगी। कर्नाटक के प्रतिनिधियों ने जेडीएस के साथ मौजूदा गठबंधन को जारी रखने और उसे अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया। कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि बसपा सुप्रीमो मायावती 2019 में बीजेपी को रोकने के लिए महागठबंधन जारी रखेंगी।