गुजरात विधानसभा के चुनौतीपूर्ण चुनाव में अपने परंपरागत पाटीदार वोटरों की नाराजगी को देखते हुए अब बीजेपी ने ओबीसी वोटरों को भी लुभाने की तैयारी शुरू कर दी है और पार्टी राज्य में 18 सितंबर को खेड़ा जिले के फगवेल में ओबीसी सम्मेलन का आयोजन कर रही है, जिसमें अमित शाह समेत अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद होंगे।
इसके साथ ही भाजपा गुजरात में ओबीसी वोटरों तक पहुंचने के लिए दो यात्राओं की योजना की रूपरेखा बना रही है। इसमें पहली यात्रा एक अक्टूबर को सरदार पटेल के जन्मस्थान करसमद से शुरू होगी, जबकि दूसरी यात्रा 2 अक्तूबर को महात्मा गांधी की जन्मभूमि पोरबंदर से शुरू होगी। इनमें से एक यात्रा का नेतृत्व कडवा पटेल समुदाय के नेता और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल करेंगे जबकि दूसरी की अगुवाई प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष जीतू वाधानी करेंगे। जीतू पटेल समुदाय से आते हैं। भाजपा यह पहल ऐसे समय में कर रही है जब पिछले काफी समय से हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार आंदोलन के कारण पार्टी असहज है और परंपरागत रूप से भाजपा को वोट देने वाले इस समुदाय में नाराजगी देखी जा रही है।
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इसके जरिए एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश होगी। एक तो यह बताया जाएगा कि मोदी सरकार ने पहली बार ओबीसी के लिए बने आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए मेहनत की और दूसरी तरफ कांग्रेस ने ही उसमें अड़ंगा लगा दिया। इस तरह से पार्टी यह मैसेज देना चाहेगी कि एक तरफ बीजेपी ओबीसी के लिए मेहनत कर रही है और कांग्रेस ऐसी बाधाएं खड़ी कर रही है, जिससे कि ओबीसी वर्ग को मिलने वाली सुविधाओं को रोका जा सके।
पार्टी का कहना है कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय की संख्या अच्छी खासी है और चुनाव में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। भाजपा ओबीसी वोट बैंक में पैंठ बनाने के लिए एक रैली और यात्राओं की रुपरेखा को अंतिम रूप देने में जुटी है। गौरतलब है कि गुजरात में पाटीदार मतदाता करीब 20 फीसदी हैं। पाटीदार समाज भाजपा का परंपरागत वोटर रहा है, लेकिन पटेल आरक्षण की मांग को लेकर फिलहाल नाराज बताया जा रहा है। भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने संकल्प यात्रा निकाली है।