झारखंड में विधानसभा चुनाव की घंटी जल्द ही बजने वाली है.इसकी तैयारियों को लेकर एनडीए सहित तमाम विपक्षी दल के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जुट गये हैं. वहीँ विधनासभा चुनाव में 65प्लस का मिशन को अंजाम देने के लिए भाजपा एक कदम आगे चल रही है.पार्टी के केंद्र से लेकर राज्य के पदाधिकारी प्रदेश के अलग-अलग जिले में दौरा कर रहे हैं. हल ही में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने दो दिनों के दौरे पर झारखंड पहुंचे थे.राजनीतिक जानकारों की माने तो जेपी नड्डा प्रदेश के संगठन प्रभारी से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी को युद्ध में फताह करने का मन्त्र दिया है.साथ ही संगठन के अंदर वैसे नाराज लोगों की लिस्ट भी मांगा है.उन्होंने स्पष्ठ रूप से कहा है कि पार्टी के अंदर विश्वासघात करने वाले नेता की पार्टी में कोई जगह नहीं है.पार्टी में रहना है तो निःस्वार्थ रूप से काम करना होगा.जहां तक टिकट की बात है तो इसके लिए संसदीय कमेटी में इसपर चर्चा कर ठोस निर्णय लिया जायेगा.
झारखंड में एनडीए का पार्ट आजसू पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक सीटों की मांग भाजपा से करने की मन बना रही है. लेकिन भाजपा ने अबतक यह तय नहीं किया है कि आजसू को कितनी सीटें दी जाय. वैसे लोहरदगा,बडकागांव सीट पर भाजपा अपने प्रत्याशी देने की चर्चा चल रही है,जबकि दोनों सीट आजसू पार्टी की सीटिंग रही है.आजसू लोहरदगा किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकती है.हालांकि इस मामले पर पार्टी के केन्द्रीय प्रवक्ता डॉ.देवशरण भागत ने कहा कि सीटों का निर्णय पार्टी की संसदीय कमिटी तय करती है.इसपर अभी कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगी.
अब महागठबंधन की बात की जाय तो लोकसभा चुनाव के समय विधानसभा चुनाव का तैयार मसौदा फिलहाल फेल होता दिख रहा है. नये प्रदेश अध्यक्ष डॉ.रामेश्वर उरांव विधानसभा चुनाव की तैयारी नये सिरे से कर रहे हैं.सीटों पर तालमेल अबतक फाइनल नहीं हो पाया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा 40 सीटों पर दावेदारी पेश कर रही है.इसके अलावा राजद,वाम मोर्चा,माले को भी सीटें चाहिए. वहीँ झाविमो इससे अलग अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है. जानकारों की माने तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 30 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े कर सकती है. साथ ही उसकी नजर सीएम की कुर्सी पर है.