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केसरी लेख से चर्च-भाजपा टकराव बढ़ा

In Politics
September 16, 2025
rajneetiguru.com - केसरी लेख विवाद: चर्च-भाजपा स्थिति संकट। Image Credit – The Indian Express

केरल का राजनीतिक और सामाजिक माहौल उस समय गरमा गया जब RSS-संबद्ध साप्ताहिक केसरी में प्रकाशित एक लेख ने धर्मांतरण को लेकर ईसाई चर्च की तीखी आलोचना की। इस लेख ने स्यरो-मलाबार चर्च और विपक्षी दलों की कड़ी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है, जिससे राज्य में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की आशंका गहरी हो गई है।

विवादित लेख में देशव्यापी धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की मांग की गई और यहाँ तक कहा गया कि इसके लिए संविधान में संशोधन भी किया जाना चाहिए। इसमें आरोप लगाया गया कि कुछ चर्च-नेता विभिन्न राज्यों में धर्म परिवर्तन विरोधी कानूनों को खत्म करने का दबाव डाल रहे हैं। लेखक ने इसे भारत की सांस्कृतिक पहचान पर हमला बताया और कहा कि हिंदुओं को “धर्मांतरण की ताकतों” का हर संभव तरीके से मुकाबला करना चाहिए।

चर्च ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि साप्ताहिक झूठी कहानियाँ फैलाकर आम नागरिकों को असहिष्णु बनाने और साम्प्रदायिक संघर्ष भड़काने की कोशिश कर रहा है। एक चर्च अधिकारी ने सवाल उठाया, “केसरी इस तरह झूठ क्यों फैला रही है?” उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी बयानबाजी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है और केरल के सामाजिक संतुलन को बिगाड़ सकती है।

विपक्षी नेताओं ने इस विवाद को RSS की अल्पसंख्यक विरोधी सोच का प्रमाण बताया। उनका कहना है कि यह लेख एक बार फिर ईसाई समुदाय के प्रति शत्रुता को उजागर करता है और राज्य को अनावश्यक विभाजन की ओर धकेलने की कोशिश है। उन्होंने भाजपा से स्पष्ट रुख अपनाने और इस विवादित भाषा से दूरी बनाने की मांग की।

भाजपा के लिए यह विवाद मुश्किल समय पर आया है। स्थानीय निकाय चुनाव निकट हैं और 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी भी जारी है। पार्टी लंबे समय से ईसाई समुदाय के साथ संवाद बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन केसरी जैसे लेख इस प्रयास को नुकसान पहुँचा सकते हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि केरल अब तक तेज साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण से बचा रहा है, लेकिन यह विवाद बताता है कि चुनावों से पहले पहचान की राजनीति तेज हो सकती है। धर्मांतरण, धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकार जैसे मुद्दे आने वाले महीनों में बहस के केंद्र में रहेंगे।

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Rajneeti Guru Author