मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान 71 फीसदी से ज्यादा वाले मतदान की संख्या आई है। इसका मतलब है कि पिछले साल 2018 में हुई विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोटिंग की दर में 4 फीसदी का कमी आई है। महिला वोटर्स की संख्या ने बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है।
मध्यप्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 71 फीसदी से ज्यादा मतदान के आने से यह स्पष्ट हुआ है कि लोगों की रुचि चुनाव प्रक्रिया में बढ़ी हुई है। पिछले साल 2018 में हुए चुनावों में वोटिंग की दर 75 फीसदी थी, जो इस बार कम हुई है।
विधानसभा चुनावों में महिला वोटर्स की संख्या ने बीजेपी और कांग्रेस को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। महिलाओं के सक्रिय भागीदारी ने उन्हें वोट में बढ़ोतरी करने में मदद की है।
तत्पश्चात, इन वास्तविकताओं की बावजूद, वोटिंग का रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं किया गया है। बिना रिजल्ट के ही पार्टियों में उम्मीद और गुस्से का माहौल बढ़ रहा है। वोटिंग के बाद अब समय की मांग है जो लोगों के वोट के परिणाम का इन्तजार कर रहे हैं।
जैसा कि सभी लोग जानते हैं, विधानसभा चुनावों का रिजल्ट 3 दिसंबर को आएगा। यहां तक कि पूरे मध्यप्रदेश में कई राजनीतिक दल राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर काम कर रहे हैं ताकि चुनाव के परिणामों के बाद सरकार बनाने की कवायद शुरू कर सकें।
निवेदन है कि सभी नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करें और अपनी राय के लिए वोट डालें, क्योंकि वोट आपका हक है और आपके वोट से ही परिणाम नुकसान या फायदा दोनों हो सकता है।
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