गोंडवाना सुपर कॉन्टिनेंट का भाग है जीलैंडिया महाद्वीप. यह महाद्वीप लगभग 94 फीसदी समुद्र के नीचे स्थित है. इस महाद्वीप की खोज पहली बार 2017 में हुई थी, लेकिन अब वैज्ञानिक ने इसे जारी किया है. जीलैंडिया का क्षेत्रफल 1.89 मिलियन वर्ग मील है. यह महाद्वीप 1642 में पता चला था.
वैज्ञानिक अब समुद्र तल से लाए गए चट्टानों के नमूनों का अध्ययन कर रहे हैं. ये नमूने जीलैंडिया में मिले गए हैं. इन नमूनों का अध्ययन करके वैज्ञानिक इस महाद्वीप के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं.
जीलैंडिया महाद्वीप इस वक्त तक बहुत कम जाना जाता था, लेकिन वैज्ञानिकों के नए माप-माप कर और शोध के बाद, इसे संक्षेप में सार्वजनिक किया गया है. यह महाद्वीप दुनिया में नए नवीन महाद्वीप की एक कदम है, जिसके बारे में हमें और अधिक जाननी चाहिए.
जीलैंडिया एक रहस्यमयी और पर्यावरणीय महाद्वीप है. यहां पर अद्भुत और अज्ञात जीव भी पाए गए हैं. यहां के प्राकृतिक द्रश्य अद्वितीय हैं और वैज्ञानिकों के लिए यह एक अद्वितीय अध्ययन क्षेत्र है.
समुद्र के नीचे बसने वाले चट्टानों की मदद से वैज्ञानिकों ने जीलैंडिया के अंदर के रहस्यों को कुछ हद तक उजागर किया है. यह आश्चर्यजनक है कि जीलैंडिया में इन रहस्यों का क्या कारण है और कैसे यहां जीवन संचालित हो सकता है.
जीलैंडिया महाद्वीप को दुनिया भर के जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों का यह प्रयास मान्य है. इस महाद्वीप का खोजा जाना और जीना अभी तक वैज्ञानिकों के लिए ऊंचा स्तर है. वैज्ञानिक अभी भी जीलैंडिया को समझने और अधिक जानने के लिए और अध्ययन कर रहे हैं.
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