नगर के वार्ड क्रमांक 18 में बसने वाले लोगों को मच्छरों की विवशता से झेलना पड़ रहा है। यह समस्या पिछले कई सप्ताहों से बढ़ती ही जा रही है और अब इसे हल करने की जरूरत है।
नगर के वार्ड क्रमांक 18 में वास करने वाले लोग अब मच्छरों के एकमात्र विकल्प के प्रतीक बन गए हैं। परियोजना में विभागीय अधिकारियों ने दिए गए ताले में सेहुता दिखाई है, जिसे बाल बाल बचाकर मच्छरों ने खोल दिया है।
इससे पहले जब भी यह समस्या उठाई जाती है, तो सड़कों के पास की नाली और नालों की पार्किंगग्यों में न जाने कितनी गन्दगी जमा हो जाती है। बेहतर सफाई की आवश्यकता को इग्नोर करने से मुख्य मार्ग पर गंदे पानी की बहाव तेजी से बढ़ रही है। परिणाम स्वरूप, लोगों को नकरात्मक परिणाम झेलने पड़ रहे हैं।
नगर के गलियों में जमे गंदगी को लेकर सीमित स्थानीय लोग प्रशासन से निराश हैं। वे यह कह रहे हैं कि गंदगी को साफ करने की जरूरत तो नहीं है, लेकिन इसके साथ ही साथ वार्ड में कार्रवाई की ज़रूरत है। इसके बिना बीमारी का फैलाव होने का डर रहेगा।
नगर में रोजगार स्थानों में व्यस्त होने के कारण, विभिन्न योजनाएं अस्त-व्यस्त हो रही हैं, जिसके कारण प्रशासनिक कार्यों में असुविधा बढ़ रही हैं। यदि प्राथमिक रूप से सफाई की कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, तो इस समस्या का समाधान संभव होगा।
स्थानीय लोगों का मानना है कि अजल-मौत की बिमारियों को फैलने से खुद को बचाने के लिए वार्ड के अधिकारियों को जिम्मेदारी उठानी चाहिए। शहर के नगरीकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए अवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
अधिकारियों से साहसी कदम उठाने और लोगों के द्वारा खुली बातचीत को संभव बनाने के इनीशिएटिव्स की आवश्यकता है, ताकि नगर के मोहल्ले और गलियों में स्वच्छता बढ़ा सके। इसके अलावा, सभी नगर वासियों को भी अपने पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति सचेत रहना चाहिए।
वार्ड में सतर्कता बढ़ाकर ही इस समस्या का हल निकाला जा सकता है, ताकि सारे नगर के निवासियों को शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा मिल सके।
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