रूस ने अपने पड़ोसी देश यूक्रेन के साथ खाद्यान्न निर्यात समझौता रद्द किया है। इसके बाद से दोनों देशों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। रूस ने यूक्रेनी बंदरगाह पर ड्रोन हमला किया है और इससे भारी नुकसान पहुंचाया है। रूस ने यूक्रेन के ऑडेसा बंदरगाह सहित कुछ अन्य बंदरगाहों को भी नुकसान पहुंचाया है। इस हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति और उप प्रधानमंत्री ने रूस के हमलों की निंदा की है। इस कार्रवाई के चलते खाद्यान्न की कीमत विश्व में बंदरगाहों पर बढ़ने लगी है। रूस के हमले के चलते विदेशी मालवाही जहाजों के आवागमन में अनिश्चितता हो गई है।
रूस के इस कदम से पोलैंड, लिथुआनिया और लात्विया चौंक गए हैं। इन देशों में वैगनर ग्रुप के लड़ाकों की गतिविधियों से ख़तरा महसूस किया जा रहा है। इसके अलावा, बेलारूस से शरणार्थियों के आने के बाद वैगनर लड़ाकों की घुसपैठ का डर और बढ़ गया है। रूस के राष्ट्रपति ने तुर्की के राष्ट्रपति से बात करके समझौता किया है। जब तक रूस को यूक्रेनी जहाजों की अनुमति दी जाएगी और उर्वरक के निर्यात की सुविधा मिलेगी, तब तक ही यह मुद्दा हल हो पाएगा।
पोलैंड, लिथुआनिया और लात्विया को रूस की घुसपैठ और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस कर्मचारी का उद्देश्य नाटो सदस्य देशों को अस्थिर करना है। सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए ताकि इसे जल्दी और प्रभावी तरीक़े से हल किया जा सके।
[Rajneeti Guru]
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