रूस द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा की गई है। यह चुनाव यूक्रेन के चार क्षेत्रों में होगा, जहां रूस का कब्जा है। यूक्रेन में जंग के बीच भी राष्ट्रपति चुनाव करवाए जा सकते हैं। यूक्रेन सरकार द्वारा इस चुनाव का आयोजन कराने का फैसला किया गया है।
यूक्रेन के इस क्षेत्र में 20% इलाके पर रूस का कब्जा है। इसलिए, इन क्षेत्रों में होने वाले चुनावों में गवर्नर्स पर चुनाव की जिम्मेदारी होगी। जबकि राष्ट्रपति चुनाव यूक्रेन सरकार द्वारा आयोजित किए जाएंगे।
जपोरीजिया और डोनेट्स्क यूक्रेन के दो जिलों में हैं, जहां रूसी बहुसंख्यक रहते हैं। इसलिए, इन जिलों के चुनाव में रूस का बहुत बड़ा रोल है। रूस द्वारा इन चुनावों में हाथ डालने के बावजूद, यूक्रेन सरकार इसे आपातकालीन हल बताकर बाधित कर सकती है।
यह चुनाव यूक्रेन की अहमियत रखते हैं, क्योंकि इससे यूक्रेन की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। यूक्रेन हाल के समय में रूस के इस कब्जे के खिलाफ संघर्ष कर रही है, और यह चुनाव इस संघर्ष की ताकत को मजबूती दे सकता है।
इस संघर्ष के बीच रूस द्वारा इस चुनाव की तारीखों की घोषणा एक चुनौती के रूप में साबित हो सकती है। यूक्रेन सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन चुनावों में न्यायपालिका की स्वतंत्रता व निष्पक्षता की सुरक्षा हो।
यूक्रेन के इस क्षेत्र में होने वाले चुनावों में रूस का हाथ होने की संभावना है, लेकिन यूक्रेन सरकार को इसे निष्पक्ष और न्यायपूर्ण बनाए रखने की जरूरत है। चुनाव में अपराध और उल्लंघन की कमी के लिए बदहालियों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
यूक्रेन के सक्रिय नागरिकों को इन चुनावों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना होगा, ताकि यह चुनाव न्यायपूर्ण और निष्पक्ष हो सके। इसके आलावा, ये चुनाव यूक्रेन की राजनीति में एक बड़ी कठिनाई के रूप में भी साबित हो सकते हैं, इसलिए इन चुनावों की पूरी तरह से निष्पक्षता और स्वतंत्रता के साथ आयोजन करना होगा।
यूक्रेन सरकार द्वारा इस चुनाव का आयोजन करने के बाद एक ठोस चुनौती का सामना करना होगा, जिसमें रूस द्वारा इस चुनाव में हस्तक्षेप की संभावना है। यूक्रेन को चुनाव में न्यायपूर्णता, निष्पक्षता, और भारतीय मतदाताओं द्वारा आपातकालीन हलों के बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।
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