मोटापे की चिंता व्यापकता बढ़ती जा रही है और इसे एक गंभीर समस्या के रूप में माना जाने लगा है। आधुनिक खानपान और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण मोटापा बढ़ रहा है और इससे गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
पतले होने के कारण कुपोषण, कमजोर इम्युनिटी, हड्डियों की कमजोरी, अशुद्ध लड़खड़ाहट की समस्या और हाइट में रुकावट हो सकती है। शरीर का मांसपेशी मास इंडेक्स (BMI) 18.5 से 24.9 के बीच होना आवश्यक है।
बच्चों में यह प्रोब्लम भी अधिक दिखाई देने लगी है। अंडरवेट होने से विटामिन और कैल्शियम की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियों के विकास में असमर्थता हो सकती है। इसके अलावा, अंडरवेट होने से इंफर्टिलिटी की समस्या और हाइट के विकास में रुकावट हो सकती है।
वजन बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने जरूरी है। ऑनलाइन साइट ‘राजनीति गुरु’ के एक आर्टिकल में कहा गया है की फल, सब्जी, दूध और अंडा खाने से वजन में वृद्धि हो सकती है। इसे बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ सलाह लेना चाहिए।
सेहत की देखभाल करना अत्यंत आवश्यक है, अतः वजन बढ़ाने और मोटापा दूर करने के लिए पेशेवर सलाहकार के कोर्स का भी चयन कर सकते हैं। यह भी याद रखना जरूरी है की मोटापा के लक्षण न उम्र के आधार पर, न जन्म के आधार पर होते हैं इसलिए अगर किसी के बारे में आवश्यकता हो तो सही विशेषज्ञ की शरण लेना चाहिए।
इसलिए आपको मोटापे से छुटकारा पाने के लिए विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए और इसे नजदीकी धार्मिक अस्पताल जाकर जांच कराना चाहिए। विशेषज्ञ की कोर्स में छक्का, मुर्चैल, सूप, एग्स आपकी नियमित डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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