अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों में कई चीते मर गए। चीतों की मृत्यु ने प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए हैं। चीतों की मौत के कारण और देखभाल में लापरवाही के बारे में संदेह है। चीतों की मौत का क्या प्रमुख कारण हो सकता है?
भारत के शौचालयरी प्रकल्प ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत अफ्रीका से लाए गए पांच चीतों में से कई चीते मर गए हैं। इस खबर ने प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए हैं। लोगों में चीतों की मौत के पीछे कारण और उनकी देखभाल में लापरवाही के बारे में संदेह हैं।
प्रकल्प के तहत चीतों के ट्रेन्सलोकेशन का कार्य इजरिया ट्रेसिटी (STSPL) नामक कंपनी कर रही है। इस कंपनी ने अब तक समग्र 16 चीतों को भारत लाए हैं, जिनमें से अब तक 5 चीते मर गए हैं। इन मौतों के कारण बहुत सारे सवाल उत्पन्न हुए हैं।
चीतों की मौत के प्रमुख कारणों में से एक सोचा जा रहा है, वे नये माहौल और देखभाल के लिए धीरे-धीरे तैयार नहीं हुए थे। चीतों का प्राकृतिक आवास और उनकी देखभाल इसका अहम हिस्सा होती है, और बिना किसी संयम और तैयारी के हमारे देश में उन्हें पहुंचाने का यह कठिनाई से निपटना पड़ रहा है।
अन्य एक संभावित कारण हो सकता है चीतों की पोषण और देखभाल में लापरवाही। कुछ मुख्यालयी कर्मचारी यह कह रहे हैं कि उनके पास पुरे अनिश्चितता के साथ आने वाले चीतों के थिकाने और खाने की सुविधा थी, जिससे उन्हें सही पोषण नहीं मिल सका।
प्रोजेक्ट के प्रबंधन द्वारा चीतों की मृत्यु के पीछे कारणों की गहराई से जांच की जा रही है। प्रकल्प को नई चीतों के आने से पहले और उनकी देखभाल में सुरक्षित रखने के लिए नए निर्देश जारी करने की और अनिश्चितताओं को दूर करने की जरूरत है। इसके अलावा, इस प्रकल्प में काम करने वाले कर्मचारियों को अधिक जागरूक किए जाने की आवश्यकता है।
निर्माणमंदल के प्रतिनिधि आपस में यह भी बात करके दिखाते हैं कि वे सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी स्थिति फिर न दोहराए जाएं। वे चाहते हैं कि चीतों की मौत पर सबसे महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखकर उनकी देखभाल और पंजीकरण में वृद्धि के उद्घाटन में सक्रिय भूमिका निभाएं।
अब तक की मौत के बावजूद, शौचालयरी प्रकल्प का प्रबंधन मानता है कि प्रोजेक्ट में चल रही मुश्किलतों का सामना करते हुए भी न केवल ट्रेन्सलोकेशन कार्य बेहतर रहा है, बल्कि उसका मुख्य उद्देश्य पूरा भी हो पा रहा है।
साथ ही, इस घटना ने प्रकल्प के प्रचार में भी धीमा पड़ा है। लोग इस पर सवाल कर रहे हैं कि क्या प्रकल्प सक्षम है चीतों की देखभाल करने के लिए? क्या वह प्राकृतिक आवास में उच्च शिक्षित चीतों को धूप और घास के मैदानों पर छोड़कर उनकी खान-पान की देखभाल जैसी सुविधाओं के अभाव में इन जानवरों की रक्षा के लिए पर्याप्त है?
प्रकल्प के प्रबंधन को चीतों की मौत को लेकर कारणों को पहचानने और उन्हें ठीक करने के लिए जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही, सभी आवश्यक सुरक्षा और उनकी देखभाल के निर्देशों का निरीक्षण करने की जरूरत है। आगामी दिनों में इस विषय पर जारी होने वाली सूचनाएं इस दिशा में ही होंगी।
More Stories
राजनीति गुरु – 26 सालों से खाली है ये भूतिया टावर, जानिए 49 मंजिला इमारत का रहस्य
राजनीति गुरु: नीदरलैंड में कुरान का अपमान, OIC ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
राजनीति गुरु – नेपाल चीन के नाटो में शामिल नहीं होगा, प्रधानमंत्री प्रचंड ने ड्रैगन की धरती से घोषणा की, जिनपिंग दबाव बनाते हैं