डेंगू के मरीजों में बढ़ोतरी, रेवाड़ी जिले में गंभीर सितारे
डेंगू के मामले पिछले पांच दिनों में तेजी से बढ़े, रेवाड़ी जिले में गंभीर स्थिति है। इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी चिंतित हैं। जिले में यह समस्या पिछले कुछ वर्षों में बहुत बढ़ चुकी है। पिछले 10 सालों के सर्वाधिक डेंगू के मामले दर्ज हो चुके हैं। इस साल के सितारे भी पिछले वर्षों की भांति बढ़े हुए दिख रहे हैं।
पिछले पांच दिनों में 14 नए डेंगू के केस सामने आए हैं। डेंगू के इसेसन में मलेरिया के 9 मामले भी दर्ज हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है, लेकिन इसके परिणाम संदेहास्पद हैं। जिला प्रशासन भी इस बढ़ती हुई संख्या के लिए जिम्मेदार है।
जिले में हाल के आंकड़ों के अनुसार, डेंगू के 345 मरीज हैं, जिनमें से 190 रेवाड़ी शहर, 53 बावल, 42 मीरपुर, 25 गुरावड़ा, 19 खोल और 16 नाहड़ हैं। पिछले पांच दिनों में तीन नए मरीजों का भी समाचार मिला है। वर्तमान में 8 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं और 85 मरीजों को उपचार के बाद छुट्टी मिल गई है।
जिले में डेंगू के 2021 और 2022 में 300 से अधिक मरीजों का सामना हुआ है। डेंगू के लक्षणों में सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते हो जाते हैं।
जिले में स्वास्थ्य विभाग ने फॉगिंग और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया है। यह कैंप समय-समय पर आरीके क्षेत्रों में आयोजित किए जाते हैं। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। डेंगू के होने की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए हमेशा हाथों को धकने के लिए इस्तेमाल करें, इंसेक्ट रिपेलेंट का उपयोग करें और इंसेक्ट-प्रतिरोधी जानकारी पर ध्यान दें।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता को सतर्क होने की अपील की है। नियमित रूप से सरकारी निरीक्षण टीमें बीमारी के प्रयोगशालाओं में निरीक्षण करेंगी और गंभीरता और निपटान के लिए उचित कार्रवाई करेंगी। लोगों को सुरक्षित रखने के लिए समय-समय पर वैक्सीनेशन अभियान भी चलाया जाएगा।
डेंगू के खिलाफ जनता को संघर्ष करने में सक्रिय रहना चाहिए। लक्षणों की पहचान, समय पर उपचार, सबसे महत्वपूर्ण है। डेंगू के इस बढ़ते हुए संक्रमण को रोकने के लिए समाजदारी बनाये रखना आवश्यक है। डेंगू के मरीजों का संकट खासकर अपंगों और बच्चों के लिए गंभीर हो सकता है। इसलिए, सतर्क रहें और डेंगू से संघर्ष करें।
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