ग्वालियर जिले में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। इस संकट की घबराहट अब मलेरिया विभाग में भी देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया विभाग को डेंगू से लड़ने के लिए तैयार नहीं होने के मामले में गहरी चिंता हो रही है। मलेरिया विभाग के पास काम करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं मौजूद हैं। अभी एंटी लार्वा सर्वे कैंप के लिए मलेरिया विभाग के पास मात्र 35 कर्मचारी हैं। इससे यह स्पष्ट है कि विभाग की कर्मचारी की कमी के कारण डेंगू महामारी का प्रकोप नियंत्रित नहीं हो पा रहा है।
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को गर्मी से प्रशंसा की जा रही है। यहां लोगों ने ज्यादा कर्मचारी न होने के बावजूद कार्यवाही की जाए इस संकट की मांग की है। इसके साथ ही फॉगिंग और जलभराव के लिए नगर निगम की पहल की जरूरत भी है। पहले नगर निगम मात्र अपनी संबंधित सुविधाओं की सीमा तक ही में फॉगिंग और जलभराव का कार्य कर पा रहा है।
जब हम डेंगू मरीजों की जांच के मामले की बात करें तो इसमें भी कमी आई हुई है। डेंगू के 83 संदिग्ध मरीजों की जांच कराने के बाद 9 मरीजों में डेंगू पुष्टि हुई है। यह मामले बहुत ही चिंताजनक हैं।
इस प्रकार, ग्वालियर जिले में डेंगू महामारी की स्थिति गंभीर हो चुकी है। मामला नगर निगम की और स्वास्थ्य विभाग की अदालत में है। आशा है कि संघर्ष जल्दी ही खत्म हो और बीमारी की रोकथाम के लिए उच्चाधिकारियों के द्वारा ठीक कार्रवाई की जाए।
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