सितम्बर 25, 2023

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राजनीति गुरु – दो से ज्यादा भाषाएं जानना मेमोरी को मजबूत करता है: ब्रेन का भाषा केंद्र इसके लिए जिम्मेदार, जानिए भाषा और…

राजनीति गुरु – दो से ज्यादा भाषाएं जानना मेमोरी को मजबूत करता है: ब्रेन का भाषा केंद्र इसके लिए जिम्मेदार, जानिए भाषा और…

ज्यादा भाषाओं की जानकारी मेमोरी को मजबूत करती है, इस बात को एक नई अध्ययन ने साबित किया है। यह अध्ययन दावा करता है कि जो लोग अधिक से अधिक भाषाएं जानते हैं, उनकी मेमोरी मजबूत होती है और वे बेहतर याददाश्त रखते हैं।

यह अध्ययन, आयरलैंड के ट्रिनिटी कॉलेज में आयोजित हुआ था। शोधकर्ताओं ने पाया कि लोग जब एक ही समय में कई भाषाएं बोलते हैं, तो उनकी याददाश्त मजबूत होती है और वे लंबी अवधि तक स्मरण कर सकते हैं।

विज्ञान के अनुसार, दिमाग में लैंग्वेज सेंटर दिमाग के बांएं हिस्से में स्थित होते हैं। यह विभाजन डिमेंशिया जैसी बीमारियों की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि जिन लोगों को ज्यादा से ज्यादा भाषाएं आती हैं, उनकी याददाश्त मजबूत होती है, इसलिए वे डिमेंशिया जैसी बीमारियों के कारणों से कम प्रभावित होते हैं।

इसके अलावा, भाषाओं के बीच ब्रेन के हिस्से भी सक्रिय होते हैं। जहां स्मरण, भाषा और शब्दावली संबंधित कार्यक्रम निर्मित किए जाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों ने एक से ज्यादा भाषाएं सीखी होती हैं, उनकी मेमोरी, फोकस और ध्यान क्षमता मान्यताओं से अधिक होती है।

विज्ञानियों के अनुसार, एक अत्यधिक भाषा सीखने की क्षमता पुरानी उम्र में हमें डिमेंशिया जैसी बीमारियों से बचा सकती है। एक दो वस्त्र संग्रहालय में एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग एक से ज्यादा भाषाएं बोलते हैं, उनकी बदमाशी से पीठे की आग पकड़ने की क्षमता कम होती है।

इस अध्ययन में पाया गया कि जो लोग दो भाषाएं जानते हैं, उनकी मेमोरी और फोकस क्षमता अधिक मान्यताओं से अधिक होती हैं। वे बेहतर याददास्त रखते हैं और विभिन्न कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।

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इसलिए, विज्ञान द्वारा साबित हुआ है कि ज्यादा से ज्यादा भाषाओं का ज्ञान हमारी मेमोरी को मजबूत बनाता है और हमें बेहतर याददाश्त की सुविधा प्रदान करता है। इससे हमारी जीवन क्षमताओं में सुधार होता है और हम बीमारियों से बच सकते हैं। तो, हमारे बीते युग के लोगों को भाषाओं के महत्व को समझने की जरूरत है और दो भाषाएं सीखने की प्रेरणा देनी चाहिए।