सरकारी अस्पताल समेत मेडिकल कॉलेज, निजी अस्पताल, निजी लैब की जांच में अब तक 321 डेंगू मरीज मिले हैं। इससे पता चलता है कि डेंगू के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
कई निजी अस्पताल संदिग्ध मरीजों को भी डेंगू का मरीज बताकर इलाज के नाम पर बिल बना रहे हैं। इसके चलते लोग भ्रष्टाचार की शिकार हो रहे हैं। यह बहुत ही बड़ी आपदा है जिससे निजी अस्पतालों की छट पकड़ी जानी चाहिए।
प्लेटलेट्स की संख्या एक लाख से कम होने पर हालत गंभीर बताकर प्लेटलेट्स की मांग कर रहे हैं। प्लेटलेट्स संचारित कणों की एक खास तरह की होती है और ये खून में ब्लीडिंग को रोकती हैं। आजकल कई बीमारियों के चलते प्लेटलेट्स की संख्या नीचे आने की समस्या हो रही है।
प्लेटलेट्स शरीर में एक प्रकार की कोशिका होती हैं जिन्हें थ्रोबोसाइटोपेनिया कहा जाता है। इनमें बॉनमैरो में कण होते हैं और इनकी संख्या हमारे रक्त में होती है। स्वस्थ व्यक्ति के एक वर्ग मिलीलीटर रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या डेढ़ से चार लाख तक होती है।
दर्द निवारक दवा, शराब पीने, आनुवंशिक रोग, कीमोथेरेपी, डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया, चिकनगुनिया, वायरल बुखार, हेपेटाइटिस सी, बैक्टीरियल ब्लड इंफेक्शन, एनीमिया, ऑटोइम्यून रोग होने से प्लेटलेट्स गिरती हैं। ऐसे मामलों में लोगों को अपनी सेहत पे ध्यान रखना चाहिए और मेडिकल सलाह जरूर ले।
डेंगू जैसी बीमारियों के दौरान बहुत सावधान रहना चाहिए क्योंकि इन बीमारियों से प्लेटलेट्स की संख्या बहुत अधिक घट सकती है। लोगों को इन बीमारियों से बचने के लिए स्वच्छता में पूरी तरह सावधानी बरतनी चाहिए और दिन भर में काफी पानी पीना चाहिए।
प्लेटलेट्स बहुत आवश्यक होती हैं, इसलिए इनकी कमी से जूझ रहे मरीजों को जल्द से जल्द बेहतरी के लिए उचित इलाज करवाना चाहिए। इसके अलावा सरकार को इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए और इस पर निगरानी बनाये रखनी चाहिए।
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