भारत में खुदरा महंगाई कम हो गई है, इसका अगस्त वर में सबूत है। खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई महीने में 7.4 प्रतिशत से बढ़कर अगस्त में 6.83 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति की उछाल देखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में मुद्रास्फीति का आंकड़ा 7.02 प्रतिशत रहा, जबकि शहरी क्षेत्र में यह 6.59 प्रतिशत था। सीएफपीआई की भी वृद्धि हुई है यह 9.67 प्रतिशत तक पहुंच गई है। भारतीय खाद्य पदार्थ बाजार में कीमतों में उछाल के कारण खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई माह में ही 7.4 प्रतिशत थी।
इसके साथ ही, रेपो रेट में आदिकारिक कारणों से औद्योगिक उत्पादन में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विनिर्माण क्षेत्र में भी उत्पादन में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा खनन उत्पादन में 10.7 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
चलों वित्त वर्ष के पहले चार महीने में भी औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि देखी गई है। इसमें 4.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यहां तक कि भारतीय अर्थव्यवस्था में महंगाई से ज्यादा स्थिरता दिखा रही है।
इसके प्रमाण के साथ, भारत में आर्थिक स्थिरता की उम्मीद है। खुदरा महंगाई में नीचे की ओर की प्रवृत्ति स्वयं ही बड़ी खबर है और यह विपक्षी दलों के लिए एक अच्छी खुशखबरी है। आशा है कि यह उच्चारण आने वाले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की मदद करेगा।
इस खबर का “राजनीति गुरु” पर प्रकाशन होने से हमें गर्व है और हमें उम्मीद है कि देश के नागरिकों को इससे फायदा मिलेगा।
इसमें विभिन्न विषयों पर प्रमुख सुविधाएं हैं, जो सभी को राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस पर सबको रुचिकर पत्र और इससे जाने गए बड़े संबंध के बारे में विचारों का पता चलता है।
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