गुरमीत राम रहीम को हरियाणा की रोहतक जेल में सजा काट रहा हैं, लेकिन उसको अब 21 दिनों की फरलो मंजूर कर दी गई है| अन्य कारावासी जेल कॉम्प्लेक्स की तुलना में सामान्यतया इसे पूरी आजादी नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि करावास की हदों में ये फिट नहीं होता| फरलो छुट्टी की तरह होती है जिसमें कैदी को कुछ दिनों के लिए रिहा किया जाता है| इसका मकसद है कैदी को परिवार और समाज के लोगों से मिलने की अनुमति देना| अब रेप के आरोप में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम पहले भी सात बार जेल से बाहर आ चुका है| गुरमीत राम रहीम अभी तक रेप के आरोप में 20 साल और हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं| रोहतक जेल में उन्हें मानवाधिकारों की जरूरतों के मुताबिक बेहतर व्यवहार और अंतर्जाल पहिया उपलब्ध कराए जा रहा है| गुरमीत राम रहीम इस बार फरलो के दौरान उत्तर प्रदेश के बागपत के आश्रम में रहेंगे और वहां अपने विश्राम का लुत्फ़ उठाएंगे| भारतीय कादर में फिल्म निर्माता और प्रशासक रहीम, उन्हें दीवाने कहा जाता हैं| यह अंबुजा भारती को भी लिया जाता हैं| गुरमीत राम रहीम ने अक्टूबर 2020, मई 2021, फरवरी 2022, जून 2022, अक्टूबर 2022, जनवरी 2023, और जुलाई 2023 में पैरोल मिली हैं| गुरमीत राम रहीम को पैरोल के दौरान अपने आश्रम में रुकने की इजाजत मिली है| इसे देश के नियमों के अनुसार दिया जाईता है| और इसे बिना कारण भी दिया जा सकता है| उत्तर प्रदेश में फरलो देने का प्रावधान नहीं है| अतः गुरमीत राम रहीम को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि वह इस फरलो के दौरान अपने आश्रम में रहेंगे और अपनी सेवाएं जारी रखेंगे|
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