निमोनिया अस्पताल में भर्ती होने के बड़े कारणों में शामिल है। निमोनिया, जिसे किसी ने सही कहा है कि यह कोरोना का विकराल रूप है, भारतीय तथा विश्व निमोनिया सेवा कोष (Indian Pneumonia Action Forum) द्वारा संचालित सर्वे के अनुसार, बच्चों से लेकर बुजुर्ग पुरुष तक में निमोनिया के मामले गंभीर रूप से बढ़ रहे हैं। आधिकारिक अध्ययन के मुताबिक पिछले सप्ताह में औसतन पांच बच्चे और छह व्यस्त निमोनिया के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इससे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और आजके दिनों में लगभग 45 करोड़ लोग निमोनिया से पीड़ित हैं।
निमोनिया सबसे अधिक प्रभावित होने वाले उम्र समूह में पांच साल से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग लोग शामिल हैं। इसका कारण शराब और मांस जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन है जो निमोनिया को खतरनाक बना सकता है। इसके अतिरिक्त, हाथों की स्वच्छता का ध्यान न रखने वालों में निमोनिया होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए यदि हम अपने हाथों और कलाइयों को नियमित रूप से धोते हैं और सैनिटाइजर का उपयोग करते हैं, तो हम खुद को निमोनिया से बचा सकते हैं।
अगर हम निमोनिया से बचना चाहते हैं तो हमें कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। जैसे कि टीके लगवाना, हाथों को धोना, मास्क लगाना, नाक और मुंह को ढकना, धूतरहित रखना, पर्याप्त नींद लेना, संतुलित आहार लेना और व्यायाम करना जरूरी है। इसके साथ ही अच्छा खानपान और नियमित व्यायाम करना रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर निमोनिया से बचा सकता है।
इन सभी बातों का पालन करके हम अपने आपको निमोनिया से बचा सकते हैं। जब तक हम सावधान रहेंगे और आवश्यक सावधानियों का पालन करेंगे, हम हमेशा स्वस्थ और खुश रहेंगे।
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