अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया कि वे इजराइल को अपनी रक्षा के लिए सभी संभव यात्रियों की मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी टीम और अरब देशों की सरकारें सीधे संपर्क में टिकेंगी, ताकि इजराइल को संयुक्त राष्ट्र से मदद भी मिल सके। वह बाइडन ने बताया कि वे वर्तमान में हो रहे फलस्तीन के हमलों और हमास संगठन के संग्राम से संबंधित हैं और ताकि उसकी खतरे में पड़े अमेरिकी प्रजातियों के परिवार सदस्यों के साथ संपर्क साधित करेंगे।
मामला यह है कि इस समय इजराइल और पैलेस्टाइनियन आपस में छिड़ गए हैं जिसके कारण दुनिया भर में उनके बीच तनाव बढ़ गया है। इजराइल सेना ने फलस्तीन में कठोरता का प्रयोग किया है जिसके कारण बहुत सारे पलायन कर रहे हैं और सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। हमास ने भी इसका जवाब देकर बेमानी कर रहा है और इजराइल के जरिये हमले कर रहे हैं। इस पूरे संघर्ष में इंटरनेट और सोशल मीडिया पर भी मार्गनिर्देशन हो रहा है।
इस मामले में भारत की पक्षधर हर कदम पर एकरूपता के साथ देखी जा रही है। भारत सरकार ने कहा है कि वह दोनों देशों को सौहार्दपूर्ण समाधान तलाश करने की सलाह दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाइडन से इस मसले पर वार्ता की है और आपसी सहमति स्थापित की है कि सभी तरह की हिंसा अवरोधनीय है और बातचीत द्वारा इसे सौहार्दपूर्ण रास्ते पर ले जाना चाहिए।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के इंतजार में है कि वह इस बात को लेते हुए आम लोगों के सहयोग से इजराइल और पैलेस्टाइन के बीच में शांति का समझौता कर सकें। इंटरनेट पर भी भारतीय व्यक्तियों के बीच इसे लेकर गहमा गहमी की जा रही है कि दोनों देशों को संघर्ष में एक संबंध समाप्त करने के प्रति शांति और सहयोग दर्शाना चाहिए। हमें आशा है कि अमेरिका और अन्य विश्व देश इजराइल और पैलेस्टाइन की समस्या के समाधान के लिए संपर्क में रहेंगे और इस विवाद को परमाणु युद्ध जैसे भयानक नतिजों से बचाएंगे।
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