मणिपुर राज्य में हुई हिंसा का ज्ञातक हरिहार गूरू का ब्योरा दिया. गूरू ने इससे जुड़े कई सवालों को उठाया और अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस घटना के पीछे होने वाले कारणों पर ध्यान दिया और इसे एक चुनावी षडयंत्र माना है।
हालांकि, इंटरनेट सेवा को बैन किया गया है तकि हिंसा और अफवाहों को रोका जा सके। जहां एक तरफ यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लोगों के बीच शांति का माहौल बना रहे वहीं दूसरी तरफ इंटरनेट सेवा के बंद होने से जनता को तकलीफ पहुंचा है।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के चीफ मोहन भागवत ने इस मसले पर अपने विचार रखे हैं। वह पूछते हैं कि एक ऐसे शांत राज्य में कहां से ये हिंसा उठी? उन्होंने और बड़े सवाल उठाए, उन्होंने पूछा कि क्या मणिपुर में झगड़े करने वाले बाहरी ताकत होती हैं? उन्होंने स्वंयसेवकों की सराहना की और कहा कि हमें एकता की ओर बढ़ना होगा।
मोहन भागवत ने आगे कहा कि समाज की स्थाई एकता अपनेपन से निकलती है। उन्होंने भविष्य के लोकसभा चुनावों से पहले वोट हासिल करने की साजिशों की तरफ भी चेतावनी दी। उन्होंने उन लोगों से कहा कि वे विभिन्न भ्रष्टाचार के कारणों से चंद खैसे राजनीतिक दलों के चाहने वाले हो सकते हैं। इस कारण उन्होंने सभी लोगों को सतर्क रहने और ऐसे दलों को पहचानने की अपील की।
इससे पहले भागवत ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सभी सदस्यों से यह कहा था कि उन्हें ना सिर्फ देश की तरक़्क़ी में भागीदारी करनी चाहिए, बल्कि समाज की स्थाई एकता का भी पुख़्ता ब्रॉडेबंद, सभी दिशाओं स जन जन में फैलने वाली स्वाधीनता के करीब होना चाहिए। वे इस विषय में सदस्यों से अधिक उत्साह दिखाने की अपील की और भविष्य में हार-जीत की स्थितियों का भी विचार करने क सभी स्थानों पर आगे के लिए संघ को तत्पर रहने और जहां जहां कर्तव्य सामर्थी बन रहा हो वहां वहां नगरीय स्थानांतरण की जरूरत महसूस होने के बारे में सोचने की अपील की।
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