दो सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल (IOCL) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) ने मंगलवार को अपने पहली तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं। इस तिमाही में IOCL को 13,750 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जबकि BPCL को 10,644 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। इन सरकारी तेल कंपनियों को बड़े मुनाफों पर बैठने का मौका मिल रहा है, लेकिन इसके साथ ही जनता की जेबें भी खाली हो रही हैं। पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके कारण आम लोग परेशान हैं।
एक क्रिसिल की रिपोर्ट में बताया गया है कि तीनों सरकारी तेल कंपनियों को मौजूदा वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये के करीब आपरेटिंग प्रॉफिट होने की उम्मीद है। इसके अलावा, इन कंपनियों को प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल की रिटेल बिक्री पर 8-9 रुपये का प्रॉफिट हो रहा है। इससे साफ हो जाता है कि तीनों सरकारी तेल कंपनियों की आमदनी प्राथमिक रूप से इन उत्पादों के बिक्री से हो रही है।
अन्य रिपोर्ट में माना गया है कि पहली तिमाही में तेल कंपनियों को रिफाइनिंग मार्जिन भी निरंतर बढ़ता हुआ दिख रहा है। हालांकि, मई 2022 के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी नहीं हुई है, जिसके चलते कई शहरों में पेट्रोल और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के करीब कीमत पर मिल रहा है। इससे साफ हो रहा है कि सरकार तेल कंपनियां मोटा मुनाफा बनाने में जुटी हुई हैं, लेकिन आम लोगों को इससे कोई राहत नहीं मिल रही है। गुरुवार को नई कीमतें तय की गई हैं, जिससे इन उत्पादों के दाम फिर से ऊँचाई छू गए हैं।
इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम के बढ़ते मुनाफों के बावजूद, जनता अभी तक आश्वस्त नहीं हो सकी है। इसे देखते हुए सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आम लोगों को किफायती मूल्य पर पेट्रोल और डीजल मिल सकें।
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